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एक लेडी डॉक्टर के भरोसे चल रहा बिहार का एकमात्र महिला अस्पताल, सुविधाओं को लेकर 'हम' ने दी आन्दोलन की चेतावनी

एक लेडी डॉक्टर के भरोसे चल रहा बिहार का एकमात्र महिला अस्पताल, सुविधाओं को लेकर 'हम' ने दी आन्दोलन की चेतावनी

GAYA : बिहार में महिलाओं की समस्या को ध्यान में रखते हुए एकमात्र महिला अस्पताल बनाया गया। जिसे गया जिला के प्रभावती अस्पताल के रूप में जाना जाता है। यहां महिलाओं के विभिन्न रोगों का इलाज, रेप में पीड़ित महिला का जांच, सिजेरियन डिलीवरी, बंध्याकरण के साथ-साथ ओपीडी की भी सुविधा है। जिस में मगध प्रमंडल के विभिन्न जिलों से औसतन प्रतिदिन 200 से अधिक महिलाएं इलाज कराने आती हैं। 


लेकिन अस्पताल का आलम ऐसा है कि यहाँ कुल 6 पद सृजित है, जिसमें मात्र 3 डॉक्टर पदस्थापित हैं। डॉक्टर सुषमा वर्मा, डॉक्टर बदरुद्दीन, डॉक्टर अखिलेश कुमार सहित कुल 3 डॉक्टर पदस्थापित है। जिसमें एकमात्र महिला डॉक्टर सुषमा वर्मा हैं। इन्हे केस में गवाही, रेप पीड़िता की मेडिकल जांच, सिजेरियन डिलीवरी, बंध्याकरण सहित ओपीडी प्रमुख रूप से देखना हैं।

सप्ताह में मात्र 2 दिन ही सिजेरियन ऑपरेशन प्रभावती अस्पताल में किया जाता है। जिसके कारण इमरजेंसी रोगी, गंभीर रोगी तथा प्रसूता महिला को काफी दिक्कत होती है। डॉक्टर मजबूरी में उसे मगध मेडिकल अस्पताल रेफर कर देते है जिसके कारण कई बार अप्रिय घटना हो चुकी है। हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय सचिव सह प्रवक्ता ई.नंदलाल मांझी ने बताया की यहाँ जिले का एकमात्र महिला अस्पताल होने के कारण महिलाओं के काफी भीड़ रहती है। गरीब गुरबा जो आर्थिक अभाव में रहते हैं वे बहुत उम्मीद के साथ प्रभावती अस्पताल आते हैं। लेकिन डॉक्टरों की कमी की वजह से उनका समुचित इलाज नहीं हो पाता है।

उन्होंने कहा की जिले के प्रभारी मंत्री इजराइल मंसूरी, जिला पदाधिकारी गया तथा बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को ज्ञापन सौंपा गया है और तत्काल उस पर कार्रवाई करने की बात कही है। गया वासियों को संसाधन रहने के बावजूद इसकी सुविधा नहीं मिल पा रही है। हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा पार्टी इसके लिए सड़क पर आंदोलन के लिए भी तैयार हैं।

गया से मनोज कुमार की रिपोर्ट 

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