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बिहार विधानसभा की 43 सीटों को 'भूल' गई भाजपा ! तैंतालीस क्षेत्रों से दूरी बनाने के पीछे क्या है राज? जानें....

बिहार विधानसभा की 43 सीटों को 'भूल' गई भाजपा ! तैंतालीस क्षेत्रों से दूरी बनाने के पीछे क्या है राज? जानें....

PATNA: पटना में भारतीय जनता पार्टी के सभी सात मोर्चों का राष्ट्रीय सम्मेलन हो रहा है. कार्यक्रम में शामिल होने के लिए देशभर से बीजेपी नेताओं का जुटान शुरू है। यह सम्मेलन 30 और 31 जुलाई को ज्ञान भवन में आयोजित है। कार्यक्रम से पहले बीजेपी नेतृत्व ने सूबे की 243 में 200 विधानसभा क्षेत्रों का चयन किया है। चयनित क्षेत्रों में भाजपा नेता 28-29 जुलाई को प्रवास कर रहे हैं। इस दौरान पार्टी कार्यकर्ता विधानसभा क्षेत्र की जनता के बीच केंद्र की नरेंद्र मोदी एवं राज्य की नीतीश कुमार सरकार की उपलब्धियों को रखेंगे। सबसे बड़ी बात यह कि आखिर 43 विधानसभा क्षेत्रों को बीजेपी ने क्यों छोड़ दिया? क्या इन क्षेत्रों में केंद्र और राज्य सरकार की उपलब्धियों की जानकारी देनें की जरूरत नहीं ? क्या इन क्षेत्रों पर भाजपा का फोकस नहीं? या फिर पार्टी ने मान लिया कि इन क्षेत्रों में पसीना बहाने का कोई फायदा नहीं? ये तमाम सवाल राजनीतिक गलियारे में तैर रहे हैं। 

विधानसभा की 43 सीटों को भूल गई बीजेपी!

बिहार बीजेपी ने राज्य की 243 विस क्षेत्रों में 200 का चयन किया. इन क्षेत्रों में लगातार दो दिनों तक देश भर के कार्यकर्ता प्रवास कर रहे हैं। एक क्षेत्र में कम से कम 2 या 3 कार्यकर्ता-नेता गये हैं। उस क्षेत्र में पार्टी के कार्यकर्ता 11 सूत्री एजेंडे पर काम कर रहे. प्रवास कार्यक्रम कल यानी 29 जुलाई तक चलेगा। इस दौरान पार्टी से जुड़े लोग उस क्षेत्र की जनता के बीच केंद्र और राज्य सरकार की उपलब्धियों को रख रहे हैं। प्रवास के बहाने बीजेपी नेतृत्व जनता के बीच अपनी पैठ को और मजबूत बनाने में जुटी है। क्यों कि 2024 में लोकसभा का चुनाव है। लिहाजा तैयारी अभी से शुरू कर दी गई है। नेतृत्व ने तय किया कि चयनित क्षेत्र के लोगों को सरकार की उपलब्धियों के बारे में बतायें. लेकिन कुछ जगहों को भाजपा भूल गई। आखिर भाजपा ने 43 विस क्षेत्रों से दूरी क्यों बनाई? क्या इस क्षेत्र के लोग केंद्र और राज्य की योजनाओं से भली-भांति वाकिफ हैं? क्या इन क्षेत्र में पार्टी को मजबूत करने की जरूरत नहीं? या फिर BJP यह भली-भांति जानती है कि इन क्षेत्रों में पसीना बहाने का कोई फायदा नहीं ?  इन तमाम सवालों के जवाब ढूंढ़ने न्यूज4नेशन की टीम भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के पास गई। 

अभी जरूरत नहीं महसूस होगी तो करेंगे प्रवास-बीजेपी 

 भारतीय जनता पार्टी के सभी सात मोर्चों के राष्ट्रीय सम्मेलन को लेकर पार्टी की तरफ से पटना के ज्ञान भवन में गुरूवार को प्रेस कांफ्रेंस किया गया। पीसी में प्रदेश सह प्रभारी हरीश द्विवेदी,अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल समेत अन्य नेता शामिल हुए। हमने सह प्रभारी हरीश द्विवेदी से सवाल किया, पूछा-आपने 200 विस क्षेत्रों का चयन किया लेकिन 43 को छोड़ दिया...क्या जहां सहयोगी दल जेडीयू के विधायक हैं उस क्षेत्रों में प्रवास कार्यक्रम नहीं रखा? इस पर बिहार बीजेपी के सह प्रभारी ने कहा कि नेतृत्व ने तय किया है कि राज्य की 200 विधानसभा क्षेत्रों में केंद्र और राज्य सरकार की उपलब्धियों के बारे में जनता को बताना है। फिर उनसे पूछा गया कि आखिर 43 विधानसभा क्षेत्रों से दूरी क्यों, वहां केंद्र और राज्य सरकार की उपलब्धियों को जानकारी देना जरूरी नहीं ? इस पर बीजेपी के वरिष्ठ नेता ने कहा कि अगर बाकी के 43 क्षेत्रों में जरूरत हुई तो आने वाले दिनों में पार्टी इस पर विचार करेगी। मतलब साफ है कि भाजपा ने जिन क्षेत्रों को छोड़ा है वहां पार्टी की स्थिति काफी कमजोर है। बीजेपी यह मान कर चल रही कि वहां प्रवास हो या फिर कोई दूसरा कार्यक्रम कर लें,कोई फायदा मिलने वाला नहीं। 

...तो मुस्लिम-यादव बहुल सीटों को छोड़ दी पार्टी? 

बीजेपी सूत्रों का कहना है कि पार्टी ने उन्हीं विधानसभा क्षेत्रों को प्रवास कार्यक्रम से दूर रखा है जहां पार्टी का आधार काफी कमजोर है। जिस क्षेत्र में अल्पसंख्यक और यादव वोटरों की बहुलता है उन क्षेत्रों में प्रवास कार्यक्रम नहीं रखा गया है। बीजेपी नेतृत्व विस की जिन 200 सीटों पर प्रवास कार्यक्रम कर रही उसका लिस्ट भी जारी नहीं किया है। 


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