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भाजपा सरकार को नापसंद है मंदिर की घंटियों का शोर, ध्वनि प्रदूषण का कारण बताकर मंदिरों को जारी हुआ नोटिस

भाजपा सरकार को नापसंद है मंदिर की घंटियों का शोर, ध्वनि प्रदूषण का कारण बताकर मंदिरों को जारी हुआ नोटिस

दिल्ली. मंदिरों की घंटियों का टुनटुनाना कुछ के लिए प्रभु भक्ति के अनुराग का कारण हो लेकिन कर्नाटक की भाजपा सरकार का मानना है कि यह ध्वनि प्रदूषण का बड़ा कारण है. इतना ही नहीं सूबे की भाजपा सरकार ने घंटियों से होते ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए एक नोटिस भी जारी कर दिया. हालांकि हंगामा बढ़ा तो प्रदेश सरकार ने अपने फैसले को वापस लेने की पहल कर दी. 

दरअसल, कर्नाटक के मुजराई और बंदोबस्ती विभाग ने मंदिरों की घंटियों से होने वाले शोरगुल को लेकर पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 के तहत ध्वनि प्रदूषण मानदंडों के उल्लंघन पर कर्नाटक राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के निर्देशों के नोटिस भेजे थे. इतना ही नहीं अलग क्षेत्रों में मंदिरों को ध्वनि प्रदूषण न करने को लेकर इस निर्देश के तहत पुलिस की ओर से नोटिस भी भेजा गया. मीडिया रिपोर्टों में कहा गया कि विभाग के इस फैसले से आम लोगों और विशेषकर हिंदू समुदाय में काफी रोष देखा गया. जब लोगों ने इस नोटिस को लेकर नाराजगी जताई तो विभाग ने अपना निर्देश वापस ले लिया. 

वहीं कर्नाटक के गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र ने ऐसे किसी भी सर्कुलर से इनकार किया है. उन्होंने कहा कि ऐसा कोई नोटिस जारी नहीं हुआ था. यह ध्वनि प्रदूषण नियंत्रण को लेकर एक मामूली गाइडलाइन को अन्य तरीके से पेश किया गया. वहीं, मुजराई मंत्री शशिकला जोले ने कहा कि अदालत के निर्देशों के अनुसार मंदिर, मस्जिद और चर्च सहित सभी पूजा स्थलों को पुलिस नोटिस जारी कर रही है. हमने घंटियों और ध्वनि प्रणालियों के उपयोग की अनुमति तब तक दी है जब तक वे अनुमत शोर स्तरों के भीतर है.


कर्नाटक में पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 के तहत 2010 में संशोधित ध्वनि प्रदूषण नियंत्रण नियम-2000 के अनुसार, ध्वनि के मानक डेसिबल को विभिन्न श्रेणी के क्षेत्रों - औद्योगिक, वाणिज्यिक, आवासीय और मूक क्षेत्रों के तहत अधिसूचित किया गया है. इसमें महामंगल आरती, अभिषेक और अन्य अनुष्ठानों के दौरान ड्रम और साउंड सिस्टम का उपयोग करते हुए ध्वनि के मानक डेसिबल से अधिक नहीं होना चाहिए. अधिकारियों ने कहा कि बेंगलूरू के डोड्डा गणपति मंदिर, मल्लिकार्जुन स्वामी मंदिर, बुल टेम्पल, बसवनगुडी के आसपास करंजी हनुमान मंदिर को नोटिस जारी किए गए हैं जो आवासीय और व्यावसायिक दोनों क्षेत्रों में आते हैं. हालांकि नाराजगी बढ़ने पर इसे अनिवार्य नहीं कहा गया है. 


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