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बीजेपी MLC टुन्ना पांडेय ने JDU को फिर चिढ़ायाः इस बार तो तीसरे नंबर पर 'ठेला' गए....हां परिस्थितियों के सीएम हैं नीतीश कुमार

बीजेपी MLC टुन्ना पांडेय ने JDU को फिर चिढ़ायाः इस बार तो तीसरे नंबर पर 'ठेला' गए....हां परिस्थितियों के सीएम हैं नीतीश कुमार

PATNA: बिहार में टुन्नाजी पांडेय पर बीजेपी-जेडीयू में तनातनी बढ़ गई है। जेडीयू ने भाजपा पर चौतरफा हमला बोल दिया है। जेडीयू के दूसरी कतार से सभी बड़े नेता मैदान में कूद गए हैं। दरसअल नीतीश कुमार को एक बार फिर से परिस्थितियों का मुख्यमंत्री बता दिया गया । भला जेडीयू इसे कैसे बर्दाश्त कर सकता था, लिहाजा बीजेपी के खिलाफ जेडीयू के नेता मैदान में कूद गये हैं। वैसे भाजपा एमएलसी टुन्ना जी पांडेय इस बार कोई पहले दफे नहीं बल्कि सालों से खिलाफत करते आ रहे हैं। इसके पहले वे नीतीश कुमार को विकास पुरूष नहीं बल्कि विनाश पुरूष कह चुके हैं। साथ ही कई अन्य आरोप भी लगाये हैं। इस बार बीजेपी एमएलसी ने नीतीश कुमार को परिस्थितियों का मुख्यमंत्री करार दे दिया इसके बाद बवाल बढ़ गया है। हालांकि टुन्ना जी पांडेय अपनी बात पर अड़े हैं और कहा है कि जो सही बात है वो मुंह से निकल गया। हालांकि बोलने के बाद अब डर लगने लगा है। 

तीसरे नंबर पर ठेला गए फिर भी बन गये CM 

बीजेपी एमएलसी ने कहा कि नीतीश कुमार वाकई में परिस्थितियों के मुख्यमंत्री हैं।अपनी बात को साबित करने के लिए उन्होंने तर्क भी पेश किया। बीजेपी विधान पार्षद ने कहा कि शहाबुद्दीन ने गलत थोड़े कहा था कि नीतीश कुमार परिस्थितियों के सीएम हैं। पिछली दफा दूसरे नंबर की पार्टी के नेता थे फिर भी मुख्यमंत्री बने। इस बार तीसरे नंबर पर ठेला गये फिर भी मुख्यमंत्री बने। वे मुख्यमंत्री बनने की क्षमता रखते हैं क्या...चुनाव लड़कर विधायक बने हैं क्या....।वे भाग्यशाली हैं कि तीसरे नंबर पर जाने के बाद भी मुख्यमंत्री हैं। ऐसे में क्या कहा जाए? क्या वे परिस्थितियों के मुख्यमंत्री नहीं हैं? बीजेपी विधान पार्षद ने कहा कि हमने सही बात कही है। सच्ची बात मुंह से निकल गई लेकिन अब डर लगने लगा है। डर इसलिए कि कहीं शहाुद्दीन वाला हाल न हो जाए। शहाबुद्दीन ने बी नीतीश कुमार को परिस्थियों का मुख्यमंत्री कहा था। उसके बाद क्या हाल हुआ यह पूरा बिहार जान रहा है। टुन्ना पांडेय ने कहा कि हमने जो भी कहा वो सही कहा। हमारे नेता नीतीश कुमार नहीं हैं,मुख्यमंत्री हैं। वे पूरे बिहार के मुख्यमंत्री हैं।  

शह-मात का खेल जारी

दरअसल बीजेपी एमएलसी के बयान को आधार बनाकर जेडीयू का भाजपा पर आक्रमण कोई साधारण बात नहीं बल्कि सोची-समझी रणनीति का हिस्सा है। पश्चिम बंगाल चुनाव में बीजेपी के सत्ता तक नहीं पहुंचने से जेडीयू भीतर ही भीतर काफी खुश है। जेडीयू की खुशी इस बात को लेकर है कि भाजपा पूरी ताकत झोंकने के बाद भी ममता बनर्जी को शिकस्त नहीं दे सकी। संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा की वो खुशी तो सार्वजनिक भी हो गई थी। तब भाजपा ने इस पर कड़ी आपत्ति भी जताई थी। जेडीयू के नेता बिहार में मिली हार को पचा नहीं पा रहे। सत्ता में रहने के बाद भी पार्टी तीसरे दर्जे की हो गई। भाजपा आज एनडीए गठबंधन में बड़े भाई की भूमिका में है जो नीतीश कुमार और उनके सिपहसलारों को हमेशा खटक रहा है। जेडीयू नेतृत्व को लगता है कि बीजेपी के षडयंत्र की वजह से चुनाव में करारी हार हुई है। हालांकि बीजेपी ने छोटे भाई की भूमिका में आई जेडीयू के नेता नीतीश कुमार को ही मुख्यमंत्री बनाया। 

सीएम नीतीश के कार्यकलाप से खुश नहीं हैं बीजेपी नेता 

इधर, बीजेपी के नेता सीएम नीतीश के कार्यकलापों से खुश नहीं दिखते। पार्टी के मोर्चे पर भाजपा के विधायक लगातार सीएम नीतीश की नीतियों का खिलाफत कर रहे हैं। बीजेपी विधायक यह लगातार कहते हैं कि सीएम नीतीश सरकारी निर्णयों में बीजेपी को तवज्जो नहीं देते। हालांकि एक-दो निर्णय में तो भाजपा अब सीएम नीतीश पर हावी भी दिखी है। जानकार बताते हैं कि सीएम नीतीश ने पंचायतों में प्रशासक नियुक्ति करने को लेकर मन बना लिया था लेकिन बीजेपी ने ऐन वक्त पर वो आदेश पलटवा दिया और कैबिनेट से पंचायतों में परामर्शी समिति बनाने के प्रस्ताव को पास कराया। बीजेपी के इस दबाव की रणनीति को सत्ताधारी दल जेडीयू जो एनडीए गठबंधन में दूसरे नंबर की पार्टी है वो पचा नहीं पा रही। इसके अलावे कई अन्य मुद्दों पर जेडीयू और बीजेपी के बीच नहीं बन रही। जेडीयू यह मान कर चल रहा कि बीजेपी भले ही बड़ी पार्टी हो लेकिन अपने दम पर बिहार में भी सरकार नहीं बना सकती।ऐसे में जेडीयू के साथ समझौता मजबूरी है। बंगाल चुनाव के बाद जेडीयू ने बीजेपी पर दबाव बनाने के लिए नई रणनीति बनाई है ताकि सहयोगी दल भाजपा सरकार पर हावी न हो।   

भाजपा को जवाब देने की मिली खुली छूट

जानकारों का कहना है कि जेडीयू नेतृत्व ने अपने नेताओं को कह दिया है कि भाजपा को जवाब देना है। इसके बाद उपेन्द्र कुशवाहा ने टुन्ना जी पांडेय के बयान को आधार बनाकर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल से सवाल पूछे हैं। कुशवाहा के बाद कई अन्य नेताओं ने सीधे कहा कि हमारे नेता नीतीश कुमार के कामों पर अँगुली उठाने वाले लोगों की अंगुली मरोड़ देंगे। हालांकि बीजेपी नेतृत्व ने विवाद बढ़ने के बाद विधान पार्षद टुन्नाजी पांडेय को शो-कॉज नोटिस दिया है। 

कुशवाहा ने संजय जायसवाल को घेरा

जेडीयू संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा ने बीजेपी को घेरते हुए कहा था कि यह बयान आप तक भी पहुंच ही रहा होगा, संजय जायसवाल जी। ऐसा बयान अगर किसी जद(यू) के नेता ने भाजपा या उसके किसी नेता के बारे में दिया होता तो......अबतक.........! 

जानिए टुन्ना जी पांडेय ने क्या कहा था?

काफी समय से सीएम नीतीश पर हमला बोलने वाले बीजेपी एमएलसी टुन्ना जी पांडेय ने तीन दिन पहले कहा था कि  शहाबुद्दीन ने सही कहा था कि नीतीश कुमार सचमुच 'परिस्थितियों' के मुख्यमंत्री हैं। मैंने जो कहा सच ही कहा, इस बार के भी हुए विधानसभा चुनाव में भी जनता ने तेजस्वी यादव को अपना मत देकर चुना था लेकिन सरकारी तंत्र का दुरुपयोग करके नीतीश जी आज सत्ता में राज कर रहे हैं। बता दें बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में बीजेपी एमएलसी टुन्ना जी पांडेय के भाई बच्चा पांडेय को राजद ने बड़हरिया विस क्षेत्र से मैदान में उतारा था। बीजेपी एमएलसी ने अपने भाई को जीताने की कोई कसर नहीं छोड़ी। टुन्ना पांडेय के भाई बच्चा पांडेय राजद से चुनाव जीत भी गये । अब वे राजद के विधायक हैं। बीजेपी एमएळसी बच्चा पांडेय अब लगातार तेजस्वी यादव का गुणगान कर रहे हैं। आप टुन्ना जी पांडेय के फेसबुक पेज पर जायेंगे तो कई ऐसे बयान मिलेंगे। वे लगातार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को चुनौती देते हैं। चाहे शराबबंदी का मामला हो या बिहार में अपराध का या फिर भ्रष्टाचार का। वे सीएम नीतीश को घेरने का एक भी मौका नहीं छोड़ते। अब बड़ा सवाल यही खड़ा हो रहा कि आखिर जेडीयू अब क्यों टुन्ना पांडेय के बयान को आधार बना रहा? क्या इसके पीछे कोई बड़ी राजनीतिक चाल है ?   





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