N4N DESK : जम्मू-कश्मीर की महबूबा
मुफ्ती सरकार से भाजपा ने समर्थन वापस ले लिया है। जम्मू कश्मीर के भाजपा प्रभारी और महासचिव राम माधव ने मंगलवार को इस फैसले का
एलान किया। राम माधव ने बताया कि तमाम
एजेंसियों से फीडबैक लेने के बाद प्रधानमंत्री से बातचीत की गयी। उसके बाद पार्टी
ने अनुभव किया कि मौजूदा राजनीतिक परिस्थितियों में यहां गठबंधन की सरकार चलाना मुश्किल
है। भाजपा ने मांग की है कि जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन लागू किया जाए।
उन्होंने कहा कि हमने गृह
मंत्रालय, जम्मू-कश्मीर के
तीन साल के कामकाज, सभी एजेंसियों से
राय लेकर ये फैसला किया है। जिसके बाद ये तय हुआ है कि बीजेपी अपना समर्थन वापस ले
रही है। तीन साल पहले जो जनादेश आया था, तब ऐसी परिस्थितियां थीजिसके कारण ये गठबंधन हुआ था। आतंकवाद के मुद्दे पर पर सरकार कठोरता से फैसला नहीं ले पा रही थी। हालात लगातार खराब हो रहे थे। इस लिए ये फैसला लेना पड़ा।
तीन साल पहले हमने जनादेश
का सम्मान करने के लिए पीडीपी के साथ सरकार बनाया था। आतंकवाद पर नियंत्रण का
मुद्दा पिछले कुछ समय से दोनों दलों के बीच विवाद का कारण बना हुआ था। रमजान के
बाद केन्द्र सरकार ने सीजफायर खत्म करने का फैसला लिया तो पीडीपी ने इसका विरोध
किया। जब राइजिंग कश्मीर को संपादक शुजात चौधरी की हत्या कर दी गयी तो भाजपा का
पीडीपी से रिश्ता तल्ख हो गया। भाजपा ने महसूस किया कि मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती
घाटी में बढ़ रहे आतंकवाद को काबूकरने में असफल रहीं।