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बीजेपी सांसद ने कराई चरण पूजा, घिरने पर श्रीकृष्ण की दी दुहाई

बीजेपी सांसद ने कराई चरण पूजा, घिरने पर श्रीकृष्ण की दी दुहाई

न्यूज4नेशन डेस्क- गोड्डा वाले सांसद निशिकांत दुबे आजकल खूब चर्चे में हैं. बीजेपी से गोड्डा के सांसद हैं. इलाके में खूब जलवा है. जलवादारी का आलम क्या है आप इस तस्वीर को देख कर अंदाजा लगा सकते है. माननीय के आवभगत में एक कार्यकर्ता ने निशिकांत दुबे का पैर धोया और सांसद महोदय चेहरे पर मुस्कान लिए पैर को साफ करवाते रहे. बात यहीं खत्म नहीं होती. हद तो तब हो गए उस गंदे पानी को उस कार्यकर्ता ने चरणामृत बनाकर सबके सामने पी गया.समाज के हर तबके के विकास के झंडाबरदार बीजेपी वाले निशिकांत दुबे दार्शनीक भाव चेहरे पर लिए सबकुछ देखते हुए. सांसद महोदय को ये आवभगत इतना पसंद आया कि उन्होंने इस तस्वीर को खुद ही ट्वीट कर दिया.

आपको बता दें कि चरण वंदना के इस कार्यक्रम के लिए बकायदा गोड्डा के कलाली गांव में मंच तैयार किया गया था. मंच पर बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे बैठे थे और माइक थामे बीजेपी कार्यकर्ता पंकज साह सांसद महोदय के सम्मान में तमाम कथा वाच रहा था. पंकज साह ने माइक पर प्रवचन वाले अंदाज में कहने लगा कि पुल का शिलान्यास कर सांसद महोदय ने कितना बड़ा काम किया है. कितना बड़ा उपकार किया. उनके तो चरण धोकर पीने का मन कर रहा है. फिर देखते ही देखते बीजेपी कार्यकर्ता ने मंच पर थाली और पानी मंगवाया और बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे का पैर धोने लगा. हैरत की बात यह है कि सांसद निशिकांत दुबे भी गदगद हो गए और पैर आगे बढ़ा दिया. बीजेपी सांसद अपने पैर को ऐसे बेझिझक गर्व से धुलाने लगे.बीजेपी कार्यकर्ता ने पैर धोकर गमछा मंगाया और फिर बीजेपी सांसद के पैरों को साफ किया. इसके बाद सांसद निशिकांत दुबे कुर्सी पर जा बैठे. यह बात यहीं खत्म नहीं हुई और भगवान बने सांसद को खुश करने के लिए बीजेपी कार्यकर्ता ने पैर धुले गंदे पानी को अंजुली में लिया और चरणामृत की तरह पी गया.

कृष्ण जी ने क्या पैर नहीं धोया था?


लेकिन ताज्जुब की बात है कि सांसद महोदय को इस पूरी घटना में कोई दिक्कत नहीं दिखती वो कहते हैं अपनो में श्रेष्ठता बांटी नहीं जाती और कार्यकर्ता यदि खुशी का इजहार पैर धोकर कर रहा है तो क्या गजब हुआ? उन्होंने जनता के सामने क़सम खाया था,उनको ठेस ना पहुंचे सम्मान किये।पैर धोना तो झारखंड में अतिथि के लिए होता ही है, सारे कार्यक्रम में आदिवासी महिलाएँ क्या यह नहीं करती हैं?इसे राजनितिक रंग क्यों दिया जा रहे है,पैर अतिथि का धोना गलत है,अपने पुरखों से पुछीये ,महाभारत में कृष्ण जी ने क्या पैर नहीं धोया था? लानत है घटिया मानसिकता पर...

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