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कैमूर में खुलेआम हो रही है खाद की कालाबाजारी, महंगे दामों पर खाद खरीद रहे किसान, प्रशासन ने बंद की आंखें

कैमूर में खुलेआम हो रही है खाद की कालाबाजारी, महंगे दामों पर खाद खरीद रहे किसान, प्रशासन ने बंद की आंखें

KAIMUR : – मोहनिया अनुमंडल में खुलेआम खाद की कालाबाजारी की जा रही है महंगे दामों में किसानों को खाद खरीदने पर मजबूर किया जा रहा है। आखिरकार किसान करे तो क्या करें किसान भी महंगे दामों पर खाद खरीदने को मजबूर हैं लेकिन प्रशासन इस पर चुप्पी साधी हुई है।

बता दें कि कि कैमुर में खाद की किल्लत से किसानों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है रवि फसल की बुवाई के बाद किसान अपने खेतों में गेहूं की पहली पटवन कर खाद खरीदने के लिए बाजारों में दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं। मोहनिया बाजार स्थित पुराने पेट्रोल पंप के समीप दो दुकानों से 400 रुपए प्रति बैग की दर से दिनभर खाद की कालाबाजारी होती रही लेकिन कोई भी प्रशासनिक पदाधिकारी इस पर संज्ञान नहीं लिया बल्कि खुद महंगे दामों पर खरीदने के लिए किसानों को प्रशासन के द्वारा कहा गया।

किसानों ने बताया कि एक तरफ कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह ने खाद की कालाबाजारी नहीं करने को लेकर वादा किया लेकिन यहां तो उन्हीं के अधिकारी इस कालाबाजारी पर चुप्पी साधे हुए हैं। यही नहीं बल्कि खाद वितरण करते समय दुकानों पर कृषि विभाग की तरफ से एक कर्मी को लगाया गया है इसके बावजूद भी खुलेआम कालाबाजारी की जा रही है। प्रत्येक किसानों से एक बैग यूरिया की कीमत चार सौ रुपए ली जा रही है, जबकि किसानों को एक बैग यूरिया की कीमत 266. 50 ही देना है किसानों ने जब रशीद मांगा तो मूल्य रसीद देने से भी दुकानदार इंकार कर दिए।

कौडीराम के किसान जाकिर बताते हैं कि हमको ₹800 में दो बैग यूरिया मिला है जब हम प्रशासन से कहे तो प्रशासन ने मुझे मदद करने के बजाय कहां की मैनेज करके ले जाओ। हम लोग सुबह से ही बिना खाना खाए हुए यहां पर आए हैं लेकिन कोई नहीं सुन रहा है हम लोग मजबूर होकर खाद खरीद रहे हैं।


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