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रेलवे स्टेशन में पिछले 3 साल से शौचालय नहीं , महिलाओं के साथ साथ पुरुषों को भी होती है भारी परेशानी, सफाई व्यवस्था फेल

रेलवे स्टेशन में पिछले 3 साल से शौचालय नहीं , महिलाओं के साथ साथ पुरुषों को भी होती है भारी परेशानी, सफाई व्यवस्था फेल

BHAGALPUR :  भारतीय रेल प्रशासन लाख दाबा कर ले अपना पीठ खुद ही थपथपा ले लेकिन सारि वेवस्था और सुविधा कागज के पन्नो के  फाइलों में ही दबकर रह जाती है l जबकि जमीनी हकीकत उसका उलट होता है जब से रेलवे को निजीकरण होने से लोगो में आस जगी थी की निजीकरण होने से स्टेशन की व्यवस्था में काफी सुदृढ़ और मजबूत होगी वही दूसरी और यह  सारि वेवस्था सरकारी से भी बदत्तर हो  गया है वही मालदाडिवीजन अंतर्गत आने वाले ईस्टर्न रेलवे को कई पुरुस्कारो से सम्मानित किया जाता है वहीं भागलपुर से सटे नाथनगर स्टेशन  में शौचालय की व्यवस्था नहीं  है,  जब इस मामले की हमने पड़ताल की तो दिखा तेल घर के पास एक शौचालय थी किंतु उसे दीवाल देकर पैक कर दिया गया है ।  वही जब हमने एक नम्बर प्लेटफार्म  पर यात्रियों एवं दुकानदारों से जानने की कोशिश की आखिर माजरा क्या है तो पता चला कि कुछ वर्ष पूर्व रेलवे के जीएम नाथनगर स्टेशन निरीक्षण करने पहुंचे थे। 

चूंकि शौचालय एक नंबर प्लेटफार्म पर थी इस वजह से उसे बंद कर दिया गया।  तब से लेकर आज तक शौचालय बंद ही पड़ा है । वहीं प्लेटफार्म संख्या एक पर मौजूद कई महिलाओं ने नाथनगर स्टेशन के बारे में काफी कुछ भला बुरा कहा ।

 दूसरी तरफ जब हमने नजर दौड़ाई तो स्टेशन परिसर में गंदगी का अंबार लगा दिखा , बदबू ही बदबू नजर आ रही थी ,जैसा प्रतीत हो रहा था कि पिछले कई दिनों से यहां साफ सफाई नहीं हुई है । जब हमने स्टेशन मास्टर के चेंबर में स्टेशन मास्टर प्रवीण कुमार से इस विषय पर बात की , पहले तो उन्होंने कहा हमें जानकारी नहीं है। हमारी जॉइनिंग यहां पिछले करीब 3 साल से है कभी भी हमने यहां शौचालय नहीं देखा है। इस पर हमने यह कहा आपने कोशिश क्यों नहीं की शौचालय बनवाने की तो उन्होंने यह कहा हमारे सीनियर एसएस संजय कुमार शाह  ने कई बार लिखित सूचना विभाग में दी है,  बावजूद आज तक नहीं बना।  

जब हमने शक्ति से पूछा कि  यहां शौचालय उपलब्ध थी किंतु उसे बंद कर दिया गया है अभी भी शौचालय वाले रूम में शौचालय की छत  टिन की है जिसे देखकर साफ प्रतीत होता है कि वह  शौचालय ही है।

 स्टेशन मास्टर  ने कहां मुझे इतनी फुर्सत भी नहीं रहती  की मैं इन सब चीजों पर ध्यान दूं मेरा काम ट्रेन का संचालन करना है अगर मैं उधर ध्यान दूंगा तो इधर सही से काम नहीं कर पाऊंगा । ऐसे में सवाल उठता है आखिर नाथनगर स्टेशन से रेलवे की टिकटें इतनी कटती है। बावजूद यात्रियों को खासतौर से महिला यात्रियों को जो परेशानी होती है क्या इसे दूर नहीं किया जाना चाहिए ?  यहां का  शौचालय क्यों बंद किया , आखिर चालू क्यों नहीं किया गया । 

यह बहुत बड़ा सवाल है जो नाथनगर के स्टेशन मास्टर इसका जवाब नहीं दे  पाए?  स्टेशन मास्टर साहब यह कहते नजर आए कि एक बार आप हमारे सीनियर एसएस संजय कुमार साह  से मिले वही सारी बातें आपको बता पाएंगे वही स्टेशन मास्टर ने कहां  हमारे यहां पानी की भी दिक्कत है एक स्टाफ रूम के लिए जो शौचालय उपलब्ध है इसमें  पानी ही  नहीं आती , वहीं सफाई के बारे पूछे जाने पर  कहा सफाई रोजाना होती है किंतु जब हमने  कहा सफाई अगर रोजाना होती तो यह हालात नहीं होते । बहरहाल जो भी हो नाथनगर स्टेशन पर  को निश्चित रूप से ध्यान देने की जरूरत है ।

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