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भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों में चंद्रबाबू नायडू को मिली बड़ी राहत, हाई कोर्ट ने तीन मामलों में दी अग्रिम जमानत

भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों में चंद्रबाबू नायडू को मिली बड़ी राहत, हाई कोर्ट ने तीन मामलों में दी अग्रिम जमानत

DESK. भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों में एक बड़ी राहत देते हुए टीडीपी सुप्रीमो और आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू को आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय ने अग्रिम जमानत दे दी है. नायडू को बुधवार को तीन मामलों में अग्रिम जमानत दी गई है। न्यायाधीश टी मल्लिकार्जुन राव ने इस आशय का आदेश जारी किया. साथ ही नायडू को ऐसी कोई भी टिप्पणी करने से परहेज करने का निर्देश दिया गया है जो जांच को प्रभावित कर सकती हो।

आंध्र प्रदेश सीआईडी ने इनर रिंग रोड (आईआरआर), रेत और शराब मामलों में अनियमितताओं के लिए चंद्रबाबू नायडू के खिलाफ मामले दर्ज किए थे। टीडीपी प्रमुख ने अग्रिम जमानत के लिए उच्च न्यायालय में तीन अलग-अलग याचिकाएं दायर की थीं। एपी हाई कोर्ट ने बुधवार को दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अपना आदेश सुनाया। इसके साथ ही शराब मामले में पूर्व मंत्री कोल्लू रवींद्र और रिटायर आईएएस श्रीनरेश को भी अग्रिम जमानत मिल गयी. आंध्र प्रदेश की सियासत पर भी चंद्रबाबू नायडू के जमानत मिलने का बड़ा असर पड़ सकता है. आने वाले लोकसभा चुनाव के पहले यह उनकी पार्टी के लिए एक बड़ी राहत के तौर पर देखा जा रहा है. 

पहले की सुनवाई में क्या हुआ था : इसके पहले हुई सुनवाई में उच्चतम न्यायालय ने फाइबरनेट मामले में अग्रिम जमानत का अनुरोध करने वाले तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) के प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू की याचिका पर सुनवाई गुरुवार को 12 दिसंबर तक के लिए स्थगित कर दी। बाद में फिर से हुई सुनवाई के दौरान इसे जनवरी तक बढ़ा दिया गया.  तब न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस और न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने मामले को यह कहते हुए स्थगित कर दिया कि 371 करोड़ रुपये के कौशल विकास घोटाला मामले में प्राथमिकी को रद्द करने के संबंध में नायडू द्वारा दायर एक अन्य याचिका पर फैसला जल्द ही आने की संभावना है। संक्षिप्त सुनवाई के दौरान आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री नायडू की ओर से पेश वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ लूथरा ने कहा कि राज्य पुलिस द्वारा उनकी गिरफ्तारी के खिलाफ पहले की व्यवस्था जारी रहनी चाहिए।

उस समय आंध्र प्रदेश सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने अदालत को आश्वासन दिया कि यह व्यवस्था जारी रहेगी। शीर्ष अदालत ने पूर्व में आंध्र प्रदेश पुलिस से कहा था कि वह फाइबरनेट मामले में नायडू को तब तक गिरफ्तार न करे जब तक कि वह कौशल विकास घोटाला मामले में तेदेपा सुप्रीमो की याचिका पर अपना फैसला नहीं सुना देती। राज्य पुलिस ने 13 अक्टूबर को शीर्ष अदालत को बताया था कि वह नायडू को हिरासत में नहीं लेगी। फाइबरनेट मामला आंध्र प्रदेश फाइबरनेट परियोजना के चरण-एक के तहत एक पसंदीदा कंपनी को 330 करोड़ रुपये का कार्य आदेश आवंटित करने के लिए निविदा में हेरफेर से संबंधित है।

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