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चिराग पासवान का दावा बिहार और बिहारियों के विरोध में उतर गए हैं सीएम नीतीश, बताया कैसे राज्य के हितों की हो रही अनदेखी

चिराग पासवान का दावा बिहार और बिहारियों के विरोध में उतर गए हैं सीएम नीतीश, बताया कैसे राज्य के हितों की हो रही अनदेखी

पटना. नीति आयोग की बैठक में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के शामिल नहीं होने पर लोजपा (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान ने गहरी आपत्ति जताई है. उन्होंने शनिवार को कहा कि नीतीश कुमार अपनी व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाओं के कारण बैठक में शामिल नहीं हुए हैं. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का विरोध करते-करते वह बिहार और बिहारियों का विरोध करने लगे हैं. जब चुनाव आता है तब नीतीश विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग करते हैं. नीति आयोग की बैठक हो रही है तो उसमें जाकर नीतीश अपनी बात को तो रख सकते थे लेकिन वे इस बैठक का विरोध कर रहे हैं. 

उन्होंने कहा कि नीति आयोग की यह एक महत्वपूर्ण बैठक है. यहां जाकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार और बिहारियों के लिए तमाम तरीके की सुविधाओं और व्यवस्थाओं और केंद्र सरकार और बिहार सरकार के तालमेल को लेकर प्रस्तावों को रख सकते थे. नीतीश कुमार विशेष राज्य के दर्जे की मांग करते हैं पर इतनी महत्वपूर्ण बैठक का बहिष्कार करना भारतीय लोकतंत्र के लिए कहीं से उचित नहीं है. 

उन्होंने कहा कि भारतीय लोकतंत्र की खूबसूरती ही यही है कि सत्ता पक्ष और विपक्ष तमाम मतभेदों के बावजूद जब देश और प्रदेश की बात आती है तो एक साथ और एक मंच पर आकर चर्चा करते हैं. नीति आयोग की बैठक भी एक ऐसा ही मंच है जहां पर आप आकर चर्चा कर सकते हैं. विचार विमर्श कर सकते हैं. मतभेद होने के बावजूद प्रदेश की हित को लेकर बात रख सकते हैं. पर ऐसी बैठक का बहिष्कार करना दिखाता है कि मुख्यमंत्री सिर्फ व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाओं को प्राथमिकता देते हैं. उन्होंने कहा कि लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास पूरी तरह से नीतीश के इस निर्णय की निंदा करती है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इस बैठक में नहीं जाकर बिहार और बिहारियों को जो कई लाभ मिल सकते थे उसे मुख्यमंत्री ने अपनी व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाओं की भेंट चढ़ा दी है. 


नए संसद भवन के उद्घाटन के बहिष्कार का कई विपक्षी दलों के निर्णय को चिराग पासवान ने अनुचित करार दिया. उन्होंने बहिष्कार को नकारात्मक करार दिया. साथ ही कहा कि नए संसद भवन का निर्माण एक नए पड़ाव की ओर भारतीय राजनीति को बढ़ाने का काम कर रही है. भारत को एक नई संसद में ले जा रही है और लंबे समय से इसकी मांग की जा रही थी. यह मांग भाजपा या एनडीए नहीं कर रही थी बल्कि पिछले कई वर्षों से इसकी जरूरत महसूस की जा रही थी. उन्होंने कहा कि वे 2014 में जब पहली बार सांसद बने तब भी नए संसद के निर्माण की बातें उठी थी. उन्होंने कहा कि यहां तक कि मेरे पिताजी रामविलास पासवान जब केंद्रीय मंत्री के तौर पर यूपीए में थे तब भी नए संसद भवन निर्माण की बातें होती थी. अब इसके निर्माण के बाद विपक्ष का विरोध अनुचित है. 

चिराग ने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद जब बिहार विधानमंडल के विस्तारित खंड का निर्माण कराते हैं तो उसके शिलान्यास या उद्घाटन में राज्यपाल को नहीं बुलाते हैं. वहीं अब वे विरोध की राजनीति के  लिए राष्ट्रपति का नाम लेकर उद्घाटन का बहिष्कार कर रहे हैं. यह सब वे सिर्फ दिखावा के लिए कर रहे हैं.  


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