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CM ने रस्म अदायगी कर बिहार बोर्ड को दी क्लीन चिट, इंटर रिजल्ट में गड़बड़ी का मामला रफा-दफा

CM ने रस्म अदायगी कर बिहार बोर्ड को दी क्लीन चिट,  इंटर रिजल्ट में गड़बड़ी का मामला रफा-दफा

PATNA : इंटर परीक्षा में गलत रिजल्ट देकर लाखों छात्रों के भविष्य का कत्ल करने वाले बिहार बोर्ड को आज नीतीश कुमार की भी क्लीन चिट मिल गयी। मुख्यमंत्री ने आज प्रेस कांफ्रेंस के बीच में बोर्ड के अध्यक्ष आनंद किशोर से पूछताछ की औपचारिकता निभायी। आनंद किशोर ना तो मुख्यमंत्री और ना ही पत्रकारों के सवालों का संतोषजनक जवाब दे पाये। लेकिन सीएम ने कहा-देख लीजियेगा और छात्रों की जिंदगी बर्बाद होने का मामला रफा दफा हो गया।

प्रेस कांफ्रेंस में CM की बोर्ड अध्यक्ष से पूछताछ

6 जून को इंटर परीक्षा का रिजल्ट जारी होने के बाद पूरे सूबे में हंगामा मचा है। हर रोज छात्र सड़क पर उतर रहे हैं। बिहार बोर्ड पर संगीन आरोप लग रहे हैं और छात्र इसके सबूत दे रहे हैं। आज अपने लोकसंवाद के बाद जब सीएम प्रेस कांफ्रेंस करने बैठे तो पत्रकारों ने इंटर रिजल्ट में गड़बड़ी को लेकर सवालों की झड़ी लगा दी। तब जाकर सीएम ने बोर्ड के अध्यक्ष आनंद किशोर से रिजल्ट को लेकर सवाल पूछे। दोनों के बीच हुई बातचीत ये दर्शा रही थी कि आज से पहले सीएम ने बोर्ड अध्यक्ष से कोई पूछताछ नहीं की है। सीएम ने मीडिया रिपोर्ट्स की जिक्र करते हुए आनंद किशोर से कहा कि वे पत्रकारों के सामने स्थिति स्पष्ट कर दें।

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बोर्ड अध्यक्ष ने कहा-कोई गड़बड़ी नहीं हुई

बिहार बोर्ड के अध्यक्ष आनंद किशोर ने रिजल्ट में गड़बड़ी के सारे आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि बिहार बोर्ड ने ऐतिहासिक काम किया है। इस बार जिस तरह से रिजल्ट तैयार किया गया है वैसा पहले कभी नहीं हुआ। फिर भी किसी छात्र को लगता है कि उसे सही मार्क्स नहीं मिले तो वो स्क्रूटनी के लिए आवेदन दे।  बोर्ड उसको दिखवा लेगा।

बोर्ड ने स्कूलों को जिम्मेवार ठहराया

पत्रकारों ने ये पूछना शुरू किया कि छात्रों ने जिस विषय की परीक्षा ही नहीं दी उसमें मार्क्स कैसे आ गये तो बोर्ड अध्यक्ष फंसे। लेकिन बगल में बैठे सीएम खामोश रहे। बोर्ड अध्यक्ष को भी बच निकलने का रास्ता सूझ गया। उन्होंने कहा कि स्कूलों ने गलत तरीके से परीक्षा फार्म भर दिये होंगे। ऐसे में नंबर आ गये होंगे। आनंद किशोर के पास इस बात का कोई जवाब नहीं था कि अगर स्कूलों ने विषय गलत भर दिया लेकिन छात्र ने उस विषय की परीक्षा नहीं दी तो कॉपी की जांच कैसे हो गयी और मार्क्स कैसे दे दिये गये। बोर्ड अध्यक्ष ने कहा कि गड़बड़ी स्कूलों की है लेकिन बोर्ड उसे स्क्रूटनी में दिखवा लेगा।

ऐसे ही रफा-दफा हो गया मामला

आनंद किशोर बिहार बोर्ड की कोई गड़बड़ी मानने को तैयार नहीं हुए। पत्रकारों के पास सवालों की लंबी सूची थी। बीच में नीतीश कुमार ने हस्तक्षेप किया। बोर्ड अध्यक्ष से कहा कि पत्रकारों से बात कर शिकायतों को जान लीजियेगा और मामला खत्म हो गया।

सरकार की खास पसंद पर कार्रवाई कैसे

बिहार बोर्ड के अध्यक्ष आनंद किशोर सरकार के खास माने जाते रहे हैं। नीतीश सरकार में उन्हें लगातार अहम पदों पर तैनात किया जाता रहा है। अभी भी वे पटना के कमिश्नर के साथ साथ बिहार बोर्ड के अध्यक्ष का काम भी देख रहे हैं। उनके अध्यक्ष रहते बिहार बोर्ड में गड़बड़ियों की लगातार शिकायतें मिलती रही है। लेकिन सरकार को अपने खास से कोई शिकायत नहीं।

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