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जल-जीवन-हरियाली दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए सीएम नीतीश, कहा जल संरक्षित और हरियाली रहेगा तभी जीवन रहेगा सुरक्षित

जल-जीवन-हरियाली दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए सीएम नीतीश, कहा जल संरक्षित और हरियाली रहेगा तभी जीवन रहेगा सुरक्षित

PATNA : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सम्राट अशोक कन्वेंशन केन्द्र स्थित ज्ञान भवन में जल-जीवन- हरियाली दिवस पर आयोजित कार्यक्रम का पौधे में जल अर्पण कर शुभारंभ किया। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जल-जीवन- हरियाली दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में सभी लोगों ने इस अभियान के मकसद से जुड़ी अपनी बातें रखी है। वर्ष 2019 में सभी पार्टियों के विधायकों एवं विधान पार्षदों ने पर्यावरण संरक्षण को लेकर बैठक किया और जल-जीवन- हरियाली अभियान की शुरुआत की गई। इसमें हमलोगों ने 11 अवयव निर्धारित किये हैं। जो काम किए जा रहे हैं उसका समय पर मेंटेनेंस भी होना चाहिए। महीने के पहले मंगलवार को इस कार्यक्रम को करना है। नये साल के पहले महीने का यह पहला मंगलवार है जिसमें आयोजित कार्यक्रम में मुझे भी शामिल होने का मौका मिला है। सभी लोगों को इसे पूरी गंभीरता से जानना और समझना चाहिए। इसके लिए जिनको जो दायित्व दिया गया है, उसे पूरा करना होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 18,259 सार्वजनिक आहर, पईन, पोखर, तालाब इत्यादि को चिन्हित कर अतिक्रमण मुक्त कराया गया है। सार्वजनिक आहर, पईन, पोखर, तालाब इत्यादि का जीर्णोद्धार भी कराया जा रहा है। हमलोगों ने तय किया था कि तीन साल में इस अभियान को पूरा कर लेंगे। लेकिन कोरोना के आने से इसका काम प्रभावित हुआ। इसलिए इसको दो साल के लिए और आगे बढ़ाया गया है। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक आहर, पईन, पोखर, तालाब इत्यादि को अतिक्रमण मुक्त कराने के दौरान गरीब गुरबा तबके के लोगों को घर बनाने के लिए अलग जगह उपलब्ध काराया जाना है और घर बनाने के लिए पैसा भी दिया जाना है। इस संबंध में हर जिले से एक-एक चीज की जानकारी ले लेनी है। यह भी देख लेना जरूरी है कि जरुरतमंदों लोगों को इसका लाभ मिला या नहीं। हर सप्ताह इसका जायजा लीजिए। बैठक में हर बिंदुओं पर चर्चा कर देखना चाहिए कि किसको क्या जरूरत है, किसको क्या ऐतराज है। जिनलोगों ने जलस्रोतों के आसपास अतिक्रमण किया है या अवैध निर्माण किया है, उनके संबंध में भी जानकारी लें। जल संरचनाओं को विकसित करने के लिए स्रोतों को अतिक्रमण मुक्त कराना है। जल-जीवन-हरियाली अभियान से संबंधित सभी विभागों के अधिकारी अपने-अपने विभागों में किए जा रहे कार्यों का ठीक से आकलन करें। आपके विभाग में कौन काम पूरा नहीं हो पाया है, क्या दिक्कत है, इन सभी चीजों का ख्याल रखना है। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक कुंओं तथा चापाकल को सुरक्षित रखना है। सार्वजनिक कुंओं तथा चापाकल के किनारे सोख्ता का निर्माण हो रहा है। सोख्ता इसलिए बनाया जा रहा है, इससे भू-जल स्तर मेंटेन रहेगा। उन्होंने कहा कि जीविका दीदियों के माध्यम से जल-जीवन- हरियाली अभियान का घर-घर में प्रचार-प्रसार करवायें। लोगों को प्रेरित करवाएं। पर्यावरण को किस प्रकार से सुरक्षित रखना है इसकी जानकारी दिलवायें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 1998 में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में हम केंद्र में मंत्री थे। उस समय जार्ज फर्नांडिस साहब रक्षा मंत्री थे। राजगीर में ऑर्डिनेंस फैक्ट्री का शिलान्यास हो रहा था, उस कार्यक्रम में हम भी थे। उस समय वहां पर जो अधिकारी आए थे उनसे हमने कहा था कि इस फैक्ट्री के बगल में पहाड़ है, यहां तालाब का निर्माण कराया जाए। उनलोगों ने मेरी बात मानी और चार जगह तालाबों का निर्माण करा दिया। अगर दो साल बारिश नहीं होगी तो भी राजगीर में दो सालों तक इन तालाबों से पानी की कमी को पूरा किया जा सकता है। वर्ष 1998 में मेरी बात को उनलोगों ने मान लिया तो आज काफी फायदा हो रहा है। पहाड़ों के किनारे जल संचयन को लेकर इसी तरह का काम आपलोग करें। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक तालाब, पोखर, पईन, आहर, कुंओं का पुनरुद्धार कराइएगा तो जल संचयन ठीक ढंग से होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी भवनों में छत वर्षा जल संचयन का निर्माण हुआ है। निजी भवनों को भी सुझाव दीजिए कि छत वर्षा जल संचयन का काम कराएं। इससे भू-जल स्तर ठीक रहेगा। जल संरक्षित रहेगा और हरियाली रहेगा तभी जीवन सुरक्षित रहेगा। उन्होंने कहा कि बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण किया जा रहा है। वर्ष 2012 में हरियाली मिशन की स्थापना की गई और वृक्षारोपण का काम हमलोगों ने शुरू कराया। बिहार से झारखंड अलग होने के बाद बिहार में हरित आवरण क्षेत्र 9 प्रतिशत था। 24 करोड़ पौधा लगाने का रखा गया था, जिसमें वर्ष 2019 तक 22 करोड़ पौधारोपण करा लिया गया था। अब आवरण क्षेत्र 15 प्रतिशत हो चुका है, इसको 17 प्रतिशत से भी आगे ले जाना है। स किनारे पौधे जरुर लगवाना है। सबको प्रेरित करें कि अपने घर के पास पेड़ जरूर वृक्षारोपण से वातावरण बेहतर हो रहा है और बिहार का दृश्य भी अच्छा लग रहा है। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि मौसम के अनुकूल कृषि का काम किया जा रहा है। फसल अवशेष प्रबंधन पर भी काम करते रहने की जरुरत है। वर्ष 2018, 2019 में बैठक कर हमलोगों ने कहा था कि फसल अवशेष जलाने से सबको रोकें। पहले चार ही जिला इससे प्रभावित था लेकिन अब तो नालंदा एवं पटना में भी फसल अवशेष जलाने का मामला बढ़ गया है इसलिए इन सब चीजों की जानकारी घर-घर तक पहुंचाना है। लोगों को समझाना है कि खेत खराब हो जाएगा। उन्होंने कहा कि सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए सरकारी भवनों में सोलर प्लेट लगाया जा रहा है। हर घर में सोलर प्लेट लगाने के लिए लोगों को प्रेरित करना है। जब तक धरती रहेगी सौर ऊर्जा का लाभ लोगों को मिलेगा। उन्होंने कहा कि जल-जीवन- हरियाली अभियान के लिए जन जागरुकता अभियान चलाते रहने की जरुरत है। लोगों को लगातार प्रेरित करते रहने की जरुरत है जो भी काम हो रहा है उसके मेंटनेंस पर काम करते रहने की जरुरत है जो काम हो रहा है उसको और तेजी से बढ़ाने की जरुरत है। 2025 तक इसके कामों को पूरा करना है, इसके लिए लक्ष्य पर तेजी से काम करना है। जल - जीवन - हरियाली अभियान का मकसद है लोगों का जीवन सुरक्षित रहे। आप सबलोगों से आग्रह है कि लोग खुद भी जागरुक रहें और दूसरों को भी जागरुक करते रहें। मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से आग्रह करते हुए कहा कि जितना काम किया जा रहा है उसके बारे में बताएं। लोगों को इस अभियान के मकसद के बारे में बताएं, जो काम बाकी हैं उसके बारे में बताएं, ठीक ढंग से इसे प्रचारित करें। नए वर्ष में आप सभी लोगों को बधाई एवं शुभकामनाएं देता हूं। आपलोग आगे बढ़ें खुद को आगे बढ़ाएं तथा राज्य और देश को आगे बढ़ाने के लिए काम करें।

कार्यक्रम को वित्त, वाणिज्य कर एवं संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी, ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्य सचिव आमिर सुबहानी, विकास आयुक्त विवेक कुमार सिंह, जीविका के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी सह मनरेगा आयुक्त सह मिशन निदेशक जल-जीवन-हरियाली राहुल कुमार ने भी संबोधित किया।

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