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अब नेशनल मीडिया में चेहरा चमकाएंगे CM नीतीश ! लोस चुनाव से पहले अंग्रेजी अखबारों में 'विज्ञापन' देकर दाग को धोयेगी नीतीश सरकार...बदल दिया पॉलिसी

अब नेशनल मीडिया में चेहरा चमकाएंगे CM नीतीश ! लोस चुनाव से पहले अंग्रेजी अखबारों में 'विज्ञापन' देकर दाग को धोयेगी नीतीश सरकार...बदल दिया पॉलिसी

PATNA: बिहार के अखबारों पर विज्ञापन के नाम पर करोड़ों खर्च करने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अब अंग्रेजी अखबारों में प्रचार करेंगे. नेशनल अखबारों में विज्ञापन देकर दिल्ली में सुशासन का चेहरा चमकाने की कोशिश करेंगे. सीएम नीतीश को राष्ट्रीय अखबारों में नहीं छपने की चिंता सताए जा रही है. हर कार्यक्रम में वे यह बात कहने से नहीं चुकते कि उन्हें मीडिया में तवज्जो नहीं मिल रही है. उनके काम का बखान नहीं किया जा रहा. जबकि मोदी सरकार काम नहीं करती है,फिर भी उन्हीं की खबरों को राष्ट्रीय मीडिया में जगह दी जाती है. सीएम नीतीश की इस चिंता ने बिहार की विज्ञापन पॉलिसी को ही बदल दिया है. अब राष्ट्रीय हिंदी,उर्दू और अंग्रेजी अखबारों के पटना संस्करण में नीतीश सरकार खूब विज्ञापन छपवाएगी. बिहार कैबिनेट ने उस रूकावट को सदा के दूर कर दिया,ताकि नेशनल मीडिया में नीतीश सरकार का चेहरा चमकाया जा सके.  

बिहार कैबिनेट ने लगाई मुहर 

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अब राष्ट्रीय अखबारों में अपना चेहरा चमकाएंगे. इसके लिए विज्ञापन नियमावली में ढील दे दिया गया है. मंगलवार को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट की मीटिंग में इस प्रस्ताव पर मुहर लगी है. सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के प्रस्ताव में कहा गया है कि कोरोना के बाद अंग्रेजी भाषा के अखबारों की प्रसार संख्या में कमी आई है. नेशनल अखबारों के पटना संस्करण का कोई भी अंग्रेजी समाचार पत्र की संख्या 40 हजार को पूरा नहीं कर पा रही है. इस वजह से कोई भी अंग्रेजी समाचार पत्र का पटना संस्करण सूचना जनसंपर्क विभाग से सूचीबद्ध नहीं है.  इस वजह से अंग्रेजी संस्करणों में विज्ञापन का प्रकाशन नहीं हो पा रहा.

राष्ट्रीय अखबारों के लिए संख्या के बंधन को हटाया 

सूचना जनसंपर्क विभाग के अंतर्गत विज्ञापन पॉलिसी में यह वर्णन है कि हिंदी समाचार पत्रों की छपाई संख्या कम से कम 60 हजार, अंग्रेजी समाचार पत्रों के लिए 40 हजार, उर्दू समाचार पत्रों के लिए कम से कम 25000 और पत्रिकाओं के लिए भी कम से कम 25 000 की संख्या होनी चाहिए. बिहार विज्ञापन नियमावली में राष्ट्रीय समाचार पत्र की परिभाषा जोड़ते हुए कि...''राष्ट्रीय समाचार पत्रों के पटना संस्करण पर यह संख्या की सीमा लागू नहीं होगी''. यानि किसी अंग्रेजी अखबार की संख्या 40 हजार तक नहीं पहुंच पा रही,तब भी उस राष्ट्रीय अखबार में विज्ञापन दिया जा सकेगा. इस संशोधन के बाद अंग्रेजी एवं हिंदी तथा उर्दू भाषा के राष्ट्रीय समाचार पत्रों का पटना संस्करण सूचीबद्ध हो सकेगा. साथ ही उनमें जरूरी विज्ञापन को कार्य हित में प्रकाशित करवा पाना संभव होगा.

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