CM नीतीश बोले- 'मिशन 2024' के लिए विपक्षी दलों से मिला अच्छा रिस्पॉन्स, अब एकजुट चुनाव लड़ने की बनायी जाएगी रणनीति

पटना. 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को हराने के लिए बिहार के सीएम नीतीश कुमार विपक्षी दलों को एकजुट करने के लिए तीन दिवसीय दौरे पर दिल्ली आए। विपक्षी दलों के नेताओं से मुलाकात के बाद बुधवार को सीएम नीतीश ने दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान उन्होंने कहा कि सभी से रिस्पॉन्स अच्छा मिला। अब आगे एकजुट चुनाव लड़ने की रणनीति पर चर्चा की जाएगी। साथ उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात नहीं हो पायी है। इसलिए अब एक दिन सोनिया गांधी से मिलने के लिए दिल्ली आएंगे। वहीं उन्होंने कहा कि मिशन 2024 को लेकर ममता बनर्जी से उनकी फोन पर बात हुई थी।

बीजेपी मेरी वजह से आगे बढ़ी, मेरी ही पार्टी को तोड़ने लगी

इस दौरान मीडिया के सवालों को जवाब देते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि भाजपा को अगले चुनाव में पता चल जाएगा। उन्होंने कहा कि मैं उसकी पार्टी को मदद करते रहा, लेकिन वह हमारी ही पार्टी को तोड़ने पर लगे हुए थे। उन्होंने कहा कि बीजेपी की पहले क्या स्थिति थी। मेरी वजह से उसकी पार्टी बिहार में फिर से खड़ी हो पायी और चुनाव में सीट जीत पायी। उन्होंने कहा कि अब भाजपा को चुनाव में पता चलागे। वहीं उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि ये लोग चुनाव में सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ने की कोशिश कर सकते हैं।

2024 में भाजपा के खिलाफ मेन फ्रंट ही चुनाव लड़ेगा

वहीं नीतीश कुमार ने मीडिया के सवाल को जवाब देते हुए कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव में कोई तीसरा फ्रंट नहीं बनेगा, बल्कि मेन फ्रंट ही चुनाव लड़ेगा। दरअसल कुछ दिनों पहले तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलने के लिए पटना हुए थे। केसीआर चाहते थे कि आगामी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस से अलग एक तीसरा फ्रंट चुनाव लड़े और नीतीश कुमार भी उसमें शामिल हो, लेकिन नीतीश कुमार ने स्पष्ट कर दिया है कि वे तीसरे फ्रंट  नहीं बल्कि कांग्रेस के साथ ही चुनाव लड़ेंगे।


विपक्ष को एकजुट करने की कवायद 

बता दें कि बिहार में नीतीश कुमार ने भाजपा से गठबंधन तोड़कर राजद के साथ मिलकर महागठबंधन की सरकार बना ली है। इसके बाद 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर विपक्षी एकजुटता को लेकर माहौल बनाया जा रहा है। जदयू और राजद सीएम नीतीश कुमार को पीएम कैंडिडेट के रूप में प्रोजेक्ट कर रही है। हालांकि नीतीश कुमार ने कई बार साफ कर दिया है कि वे पीएम का कैंडिडेट नहीं है। लेकिन उन्होंने कहा है कि वे 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को केंद्र में आने से रोकने के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे। इसके लिए विपक्षी दलों को एकजुट करेंगे।

इन नेताओं से हुई मुलाकात

इसी रणनीति के तहत नीतीश कुमार सोमवार को पटना से दिल्ली के लिए रवाना हुए थे। सोमवार को ही उन्होंने दिल्ली में कांग्रेस नेता राहुल गांधी से मिले। इसके बाद कर्टानक के पूर्व मुख्यमंत्री एडीकुमार स्वामी से उनकी मुलाकात हुई। वहीं मंगलवार को सीएम नीतीश ने विपक्षी नेताओं से मुलाकात की झड़ी लगा दी। एक के बाद एक कई विपक्षी नेताओं से मिले। इसमें दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, सीपीआई(एम) के महासचिव सीताराम येचुरी, सीपीआई के डी राजा, हरियाणा के इंडियन नेशनल लोक दल के ओम प्रकाश चौटाला, यूपी की सपा के मुलायम सिंह यादव और उनके बेटे अखिलेश सिंह यादव एवं जदयू के पूर्व दिग्गज नेता और अब वर्तमान राजद नेता शरद यादव शामिल हैं।

वहीं बुधवार को सीएम नीतीश ने एनसीपी चीफ शरद पवार से मुलाकात की। साथ ही सीपीआई (एमएल) के दीपांकर भट्टाचार्य से भी नीतीश कुमार दिल्ली में मिले। अंत में सीएम नीतीश देश की राष्ट्रपति दौपदी मुर्मू और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से मुलाकात की।