Patna Sanatan Mahakumbh: पटना में 'सनातन महाकुंभ' की शुरुआत, साधु-संतों और श्रद्धालुओं का महासंगम, बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री रहेंगे शामिल

Patna Sanatan Mahakumbh:धर्म, संस्कृति और सनातन परंपरा के केंद्र में बदलने जा रहा है। महाकुंभ का विशेष आकर्षण बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री होंगे, जिन्होंने स्वयं वीडियो जारी कर यह पुष्टि की है कि वे इस आयोजन में दो घंटे त

Patna Sanatan Mahakumbh
पटना में पहली बार 'सनातन महाकुंभ' का आयोजन- फोटो : social Media

Patna:धर्म, संस्कृति और सनातन परंपरा के केंद्र में बदलने जा रहा है। शनिवार को राजधानी गांधी मैदान में पहली बार 'सनातन महाकुंभ' का आयोजन हो रहा है, जहाँ देशभर से आए साधु-संत, मठाधीश और श्रद्धालु एकत्र हो रहे हैं। यह आयोजन भगवान परशुराम जन्मोत्सव की पूर्णता के अवसर पर रखा गया है और इसका नेतृत्व पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे कर रहे हैं।

इस महाकुंभ का विशेष आकर्षण बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री होंगे, जिन्होंने स्वयं वीडियो जारी कर यह पुष्टि की है कि वे इस आयोजन में दो घंटे तक मौजूद रहेंगे। हालांकि उनका अलग दरबार नहीं लगेगा, लेकिन वे श्रद्धालुओं से संवाद करेंगे। साथ ही जगद्गुरु रामभद्राचार्य और राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा जैसे प्रमुख संत-नेता भी इस आयोजन का हिस्सा होंगे।कार्यक्रम का उद्घाटन बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान करेंगे, जबकि उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान के मुख्यमंत्री, कई केंद्रीय मंत्री और अन्य विशिष्ट जनप्रतिनिधियों के शामिल होने की संभावना है।

महाकुंभ की शुरुआत सुबह 9 बजे हनुमान चालीसा और परशुराम चालीसा के पाठ से होगी और दिनभर धार्मिक प्रवचन, भजन संध्या, संत समागम, हवन-पूजन व वैदिक मंत्रोच्चार की ध्वनि वातावरण को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर देगी।

गांधी मैदान को 10 एकड़ क्षेत्र में विशाल पंडाल में तब्दील किया गया है, जिसमें 50,000 श्रद्धालुओं के बैठने की व्यवस्था की गई है। आयोजन स्थल पर वीआईपी ज़ोन, मीडिया सेंटर, भंडारा, सेवा केंद्र और मेडिकल कैंप भी बनाए गए हैं।

सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद है: 2,500 से अधिक सुरक्षाकर्मी, RAF, STF, जिला पुलिस, महिला बल, ट्रैफिक पुलिस और खुफिया एजेंसियां तैनात हैं। ड्रोन और CCTV से निगरानी, एंटी-टेरेरिस्ट और बम स्क्वॉड की भी विशेष तैनाती की गई है।

काशी, अयोध्या, हरिद्वार, उज्जैन, नासिक, वृंदावन से लेकर दक्षिण भारत के बड़े मठों से 500 से अधिक संतों की उपस्थिति तय मानी जा रही है। श्रद्धालु बिहार के कोने-कोने से लेकर झारखंड, बंगाल, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और दिल्ली से भी पहुँच चुके हैं।

रिपोर्ट- बंदना शर्मा