समाधान यात्रा नहीं आत्मचिंतन करें सीएम नीतीश ... गिरिराज ने दिखाया आईना, सरस्वती पूजा पर रोक नहीं करेंगे बर्दाश्त

पटना. केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की समाधान यात्रा पर निशाना साधते कटाक्ष किया है कि नीतीश कुमार बहुत योग्य व्यक्ति है. शराब का 6 सालों में समाधान नहीं निकाल पाए अब नीतीश कुमार 17 साल बाद समाधान देखने गए हैं. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार अपनी ही सरकार के सहयोगियों के जवाब सवाल से बचने के लिए इस यात्रा पर हैं. नीतीश ने महागठबंधन के घटक दलों से जो वादा किया था उसे पूरा नहीं किया है. इसी कारण नीतीश समाधान यात्रा पर हैं. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ऐसे मुख्यमंत्री हैं जिनकी छवि लगातार घटती जा रही है.
हालिया सम्पन्न विधानसभा उपचुनावों की ओर इशारा करते हुए कहा कि चुनाव में जीत का यह परिणाम लोगों के सामने उनके प्रति सोच को दर्शा रहा है. नीतीश कुमार अगर बिहार के लोगों के लिए इतने ही लोकप्रिय थे तो उन्हें आत्म चिंतन करना चाहिए. परिणाम को देखना चाहिए. नीतीश कुमार 43 सीट पर आ गए हैं. अगर इसका समाधान खोजे तो वह ज्यादा बेहतर होगा.
बिहार के कुछ जिलों में स्कूलों में सरस्वती पूजा नहीं मानाने के आदेश पर गिरिराज ने कहा कि मधेपुरा के विद्यालय में सरस्वती पूजा नहीं मनाने का आदेश दुर्भाग्यपूर्ण है. यह दुर्भाग्य है कि इस देश की राजनीति में वोट के खातिर कुछ भी बोल जाते हैं. बिहार में अगर सरस्वती पूजा का आयोजन नहीं होगा तो क्या पाकिस्तान में यह पूजा होगा. बिहार क्या सीरिया और ईरान पाकिस्तान हो गया है. बिहार में सनातन की परंपरा में विद्या की देवी है सरस्वती और उस पूजा को होने से कोई नहीं रोक सकता है. इस तरह के आदेश जारी करने के बाद क्षणिक लाभ जरूर कुछ राजनीतिक दल उठा सकते हैं मगर उनका खामियाजा उन्हें आने वाले समय में उठाना पड़ेगा.
बिहार के सवर्णों पर नीतीश सरकार के मंत्री आलोक मेहता के विवादित बयान पर गिरिराज सिंह ने कहा कि जो राजनीतिक दल वोट के खातिर राज्य समाज को तोड़ने का काम करते हैं ऐसा ही काम करते रहे हैं. रामायण और भागवत जैसे पवित्र ग्रंथ है उस पर विवादित बयान दिया जाता है. मुसलमानों का भी पवित्र ग्रंथ कुरान है मगर किसी को हिम्मत है कि इस पर कुछ टिप्पणी कर दें. इस पर अगर कोई बयान देता है तो सर तन से अलग हो जाएगा सनातन पर गाली देने का एक फैशन हो चुका है.
उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार एक लाचार मुख्यमंत्री बन चुके हैं. एक मुख्यमंत्री अपने मंत्रियों को समझा नहीं पा रहे हैं तो यही कहा जाएगा कि धृतराष्ट्र के जैसे बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में काम कर रहे हैं. बिहार में धार्मिक उन्माद पहले यही नीतीश कुमार चाह रहे हैं. उन्होंने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री विशेष राज्य के नाम पर सिर्फ थेथर लॉजी कर रहे हैं. बिहार को केंद्र सरकार लगातार विशेष राशि विकास के लिए दे रही है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार बिहार को विशेष रूप से पैसा देकर मदद कर रही है.