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राम मंदिर का श्रेय लेने में जुटी कांग्रेस, पटना में लगाए गए पोस्टर्स, रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के दिन पार्टी को नरसिंहा राव की आई याद

राम मंदिर का श्रेय लेने में जुटी कांग्रेस, पटना में लगाए गए पोस्टर्स, रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के दिन पार्टी को नरसिंहा राव की आई याद

पटना- कांग्रेस के अध्यक्ष ने भले हीं राम लला के प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होने से इंकार कर दिए हों,कांग्रस इसका हिस्सा नहीं बन रही हो लेकिन पटना के आयकर गोलंबर पर कांग्रेस नेता और पूर्व विधानसभा प्रत्याशी सिद्धार्थ क्षत्रिय ने एक पोस्टर लगाया है जिसमें अयोध्या में राम मंदिर बनने पर कांग्रेस को बधाई दी है. पोस्टर में सबसे ऊपर लिखा गया है कि 22 जनवरी 2024 राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम हेतु कांग्रेस और गांधी परिवार को आभार और बधाई’आईटीओ पर लगे पोस्टर में  अयोध्या राम मंदिर और भगवान श्री राम की तस्वीर लगाई गई है तो सबसे ऊपर एक तरफ में राजीव गांधी तो दूसरी तरफ पीवी नरसिम्हा राव का फोटो लगाया गया है . सबसे बड़ी बात की विवादित ढ़ांचेके ढ़हने के बाद कांग्रेस को नरसिंहा राव की याद आई है. पार्टी ने एक समय उनसे किनारा कर लिया था.एक समय तो कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री जयराम रमेश ने कहा था कि नरसिंहा राव की सबसे बड़ी कमी यह थी कि उनकी प्रतिभा एक मरी हुई मछली की तरह थी.

 राजीव गांधी की तस्वीर के पास लिखा है ‘राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद में राजीव गांधी की अहम भूमिका है. एक फरवरी 1986 को जब विवादित परिसर का ताला खुला तब देश के प्रधानमंत्री राजीव गांधी ही थे, उन्हीं के प्रयासों से वहां मंदिर का ताला खुला था और श्रद्धालुओं को अंदर जाने की इजाजत मिली थी.’पोस्टर के नीचे सोनिया गांधी और राहुल गांधी की बड़ी तस्वीर लगाई गई है.  पोस्टर के सबसे नीचे लिखा गया है ‘राम मंदिर कांग्रेस के लिए आस्था और बीजेपी के लिए चुनावी’ पोस्टर लगाने वाले सिद्धार्थ क्षत्रिय ने बताया कि राम मंदिर को लेकर बीजेपी चुनावी राजनीति कर रही है. राजनीति के लिए जगह तो दिल्ली है लेकिन बीजेपी उसे अयोध्या में ले जाना चाहती है और राम मंदिर का श्रेय लेना चाहती है.

सिद्धार्थ क्षत्रिय ने कहा कि मंदिर अभी पूरा बना नहीं है. देश के चारों शंकराचार्य इसका विरोध कर रहे हैं, लेकिन चुनावी हथकंडा के कारण भाजपा मंदिर का उद्घाटन करवा रही है जबकि राम मंदिर में अहम भूमिका कांग्रेस की थी और राजीव गांधी ने इसका पहल किया था. हमारे प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव 2008 में अध्यादेश लाए थे. जिस वक्त राजीव गांधी ने ताला खुलवाया था, उस वक्त बीजेपी तो विरोध कर रही थी.

विवादास्पद ढ़ाचा के ढ़हने के बाद कांग्रेस ने पीवी नरसिंहा राव से किनारा कर लिया था. कांग्रेस के अधिवेशनों से उनकी तस्वीर गायब हीं रहती थी लेकिन राम मंदिर में राम लला के प्राण प्रतिष्ठा के समय नरसिंहा राव की याद कांग्रेस को आ गई है. यह भूल का अहसास भी हो सकता है या फिर राजनीतिक मजबूरी,लेकिन कांग्रेस ने पूर्व प्रधानमंत्री नरसिंहा राव को इस अवसर पर याद किया ये सबसे चौकाने वाला है.बहरहाल जो भी हो कांग्रेस भी राम मंदिर का श्रेय लेने से पीछे हटना नहीं चाहती.

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