PATNA: बीजेपी एमएलए का कोटा से बेटा लाने के लिए पास जारी करने का मामला सामने आने के बाद सीएम नीतीश पर चौतरफा वार शुरू हो गया है।पूरे मामले में सत्ताधारी जेडीयू बैकफूट पर है।वहीं राजद और कांग्रेस बिहार सरकार पर सवालों की बौछार कर रही है।
कांग्रेस नेता कुमार आशीष ने उठाए सवाल
राजद के बाद अब कांग्रेस ने भी नीतीश सरकार काी दोरंगी नीति पर सवाल खड़े कर रही है।कांग्रेस ने पूछा है कि क्या आम और खास के लिए कानून अलग-अलग है? बिहार कांग्रेस के नेता और युवा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष कुमार आशीष ने कहा कि जब हमलोग सीएम नीतीश कुमार से आग्रह करते हैं कि बाहर से फंसे लोगों को लाइये तो नीतीश जी चीख-चीख कर कहते हैं ऐसा करने से लॉकडाउन का उलंघन होगा ! अब जबकि बीजेपी विधायक को कोटा से अपना बेटा लाने के लिए पास जारी किया गया है तो क्या अब उलंघन नही होगा?क्याा राज्य में 2 तरह के कानून हैं?
नीतीश जी कहते रह गए और उन्हीं के अधिकारी ने दे दिया परमिशन
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कहते रह गए और बीजेपी के विधायक ने बजाप्ता बिहार सरकार से परमिशन लेकर कोटा में फंसे अपने बेटे को लेकर वापस पटना पहुंच गए हैं. हिसुआ से भाजपा विधायक अनिल सिंह लॉक डाउन में नवादा जिला प्रशासन की अनुमति से अपने बेटे और उसके दोस्त को वापस लेकर पटना आए हैं .
नवादा सदर के अनुमंडल अधिकारी के आदेश से विधायक अनिल सिंह 16 अप्रैल से लेकर 25 अप्रैल तक प्रतिबंधित अवधि में कोटा में फंसे पुत्र को लाने को लेकर आदेश लिया था.सदर एसडीओ के आदेश में लिखा गया है कि विधायक अनिल सिंह के वाहन परिचालन की अनुमति लोगों के जानमाल की रक्षा हेतु इस शर्त के साथ आदेश दिया जाता है कि, कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए जिला प्रशासन नवादा के द्वारा जारी निर्देश का अक्षरशःअनुपालन करेंगे.इसके साथ हीं सभी व्यक्ति को मास्क लगाना अति आवश्यक है.