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"पांव लागी,जीय, अपन ढार, अपन पीय",.. 'इंडिया' गठबंधन में दिखने लगा दरार! पार्टियों के अलग सुर से बिगड़ रहा एकता का खेल, विपक्षी दलों के अगुवा नीतीश कुमार भी अलाप रहे अलग राग

"पांव लागी,जीय, अपन ढार, अपन पीय",.. 'इंडिया' गठबंधन में दिखने लगा दरार! पार्टियों के अलग सुर से बिगड़ रहा एकता का खेल, विपक्षी दलों के अगुवा नीतीश कुमार भी अलाप रहे अलग राग

पांच राज्यों के चुनाव का बुखार चढ़ने लगा है. उम्मीदवार, राजनीतिक दल और चुनावी कार्यकर्ता सबने कमर कस ली है. चुनाव संबंधी खबरें मीडिया की सुर्खियां बन रही हैं.  ऐसे में सबसे बड़ा सवाल है कि क्या इंडिया  गठबंधन बखरने के कागार पर खड़ा है. पिछले कुछदिनों के राजनीतिकघटनाक्रम की बात करें तो ये सवाल उठना लाजमी है. इंडिया गठबंधन के जन्म लेने के बाद पांच राज्यों में चुनाव हो रहे है. इन राज्यों में इंडिया गठबंधन के घटक दल अलग अलग ताल ठोक रहे हैं. आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच का विवाद बाहर आ चुका था.पंजाब में कांग्रेस विधायक की गिरफ्तारी ने तूल पकड़ हीं लिया था. समाजवादी पार्टी की छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के सुर को बेसूरा कर दिया है.आरजेडी और जेडीयू में अभी सीट शेयरिंग पर बात नहीं बन पाई है.बंगाल में कांग्रेस सांसद अधीर रंजन और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की का झगड़ा सुर्खियां बन चुका है. सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने कांग्रेस की मंशा पर हीं सवाल खड़ा कर दिया है. विपक्षी गठबंधन इंडिया के गठन के समय इसमें शामिल राजनीतिक दलों ने सीट समझौते के दौरान 'बड़ा दिल' दिखाने संबंधी बड़ी-बड़ी बातें की थीं लेकिन पांच राज्यों में हो रहे चुनाव में सभी दलों को झटका देते हुए अपने किसी सहयोगी दल के लिए कोई सीट नहीं छोड़ी. मध्य प्रदेश में सीट शेयरिंग पर कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के रिश्तों में खटास साफ तौर पर दिख रही है.सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने तो साफ शब्दों में कांग्रेस को कह दिया कि जैसा व्यवहार हमारे साथ मध्य प्रदेश में हुआ है, वैसा हम उत्तर प्रदेश में करेंगे.अखिलेश ने मुलायम सिंह यादव का नाम लेते हुए कहा कि वह हमेशा अखिलेश यादव को कांग्रेस से किसी भी तरह के सियासी गठबंधन से दूरी बनाए रखने की हिदायत देते थे. बता दें उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी संसदीय चुनाव में राहुल गांधी के खिलाफ उम्मीदवार नहीं उतरती थी और उन्हें जीत मिलती थी.

मुंबई की बैठक के बाद सीएम नीतीश भी इंडिया गठबंधन को लेकर कम सक्रिय हुए है. नीतीश ने खामोशी की चादर ओढ़ ली है. इंडिया गठबंधन बनाने में नीतीश की अहम भूमिका रही है.तो नीतीश की पार्टी जदयू ने भी मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में अपने प्रत्याशी उतार दिया है. अब तक कांग्रेस के सामने अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी ने मुश्किल खड़ा किया था. आम आदमी पार्टी तो कांग्रेस ने नाक में दम हीं कर दिया है.वहीं अब कांग्रेस की कठिनाई बढ़ाते हुए अब नीतीश कुमार की पार्टी जदयू ने भी मध्यप्रदेश चुनाव में अपने दम पर विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है. जेडीयू ने मध्य प्रदेश में पांच उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर दी है. अभी और प्रत्य़ाशियों के घोषित होने का अनुमान है.जदयू ने पिछौर सीट पर चंद्रपाल यादव तो राजनगर सीट पर रामकुंवर रेकवार को अपना उम्मीदवार बनाया है.विजयराघव सीट पर शिवनारायण सोनी ,थांडला सीट पर टोल सिंह भूरिया तो पेटलावाड़ सीट से रामेश्वर सिंहवार को प्रत्याशी बनाया है.

 विधानसभा चुनाव के टिकट बंटवारे में हीं इंडिया गठबंधन के घटक दलों में बिखराव दिख रहा है. सीटों का बँटवारा इंडिया गठबंधन का सबसे जटिल मुद्दा है. आम आदमी पार्टी भी इस गठबंधन में शामिल है जो दिल्ली और पंजाब में कांग्रेस की राजनीतिक विरोधी है. ऐसे में गठबंधन में सीटों का बँटवारा एक जटिल मुद्दा हो सकता है. राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और तेलंगना में विधानसभा चुनावों को लोकसभा चुनाव का सेमीफाइनल माना जा रहा है.सीट बंटवारे पर इंडिया गठबंधन में घमासान मचा हुआ है. इन राज्यों में चुनावों के बाद राजनीतिक परिस्थितियां क्या होंगी ये तो भविष्य के गर्भ में है लेकिन अभी सीटों के बँटवारे पर जैसे गठबंधन के दल छिटक रहे हैं, इसका असर चुनाव पर जरुर पड़ेगा.

राजनीतिक जानकारों के अनुसार अभी के राजनीतिक समय में कोई भी गठबंधन सुविधा का गठबंधन होता है. जिस पार्टी को जहाँ सुविधा लगती है और अपने राजनीतिक हित नज़र आते हैं, वो वहाँ होती है.राजनीतिक परिस्थितियां और हित बहुत हद तक गठबंधन का रूप तय करेंगे. बहरहाल इतना तो तय है कि इंडिया गठबंधन के जन्म के बाद पांच राज्यों में पहला चुनाव हो रहा है और इस चुनाव में गठबंधन की एकता पर सवाल खड़े होने लगे है.

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