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तेजी से लोकप्रिय हो रहे क्रिप्टोकरेंसी पर भारत में नहीं लगेगी रोक, सही तरीके से रेगुलेट करने के लिए बनेगी गाइडलाइन

तेजी से लोकप्रिय हो रहे क्रिप्टोकरेंसी पर भारत में नहीं लगेगी रोक, सही तरीके से रेगुलेट करने के लिए बनेगी गाइडलाइन

NEW DELHI : ऑनलाइन कमाई का बड़ा जरिया बन चुके क्रिप्टोकरेंसी को लेकर सोमवार को बुलाई गई संसदीय पैनल की बैठक मे बड़ा फैसला लिया गया है। जहां पहले माना जा रहा था क्रिप्टोकरेंसी को अवैध मानते हुए सरकार उस पर प्रतिबंध लगा सकती है, वहीं बैठक के बाद पैनल की तरफ इसे भारत में लागू करने के संकेत दिए गए हैं। पैनल में इस बात पर आम सहमति बनी कि क्रिप्टो और ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी को पूरी तरह से बैन नहीं किया जा सकता है. इस सही तरीके से रेगुलेट (Cryptocurrency Regulatuion) करने की जरूरत है. 

इस बैठक के दौरान संसदीय स्थाई समिति ने क्रिप्टो एक्सचेंजों, उद्योग निकायों और अन्य हितधारकों के प्रतिनिधियों से क्रिप्टोकरेंसी पर चर्चा की. पिछले कुछ समय से क्रिप्टोकरेंसी में बढ़ते निवेश से वित्तीय जोखिमों के साथ-साथ कई और खतरे पैदा हुए हैं. जिसके बाद इस बात पर सहमति बनी कि क्रिप्टोकरेंसी को विनियमित करने के लिए एक नियामक तंत्र स्थापित किया जाना चाहिए. हालांकि, उद्योग संघ और हितधारक इस बारे में स्पष्ट नहीं थे कि किसके हाथों में डोर होना चाहिए.

तेजी से बढ़ रहा है दायरा, इस चुनौती अधिक

इस मीटिंग में KYC फ्रेमवर्क और अवैध लेन-देन की आशंकाओं पर भी चर्चा हुई। मनी लॉन्ड्रिंग की चिंता के अलावा, यदि क्रिप्टो का वॉल्यूम वक्त के साथ बढ़ता है तो RBI संभावित वित्तीय अस्थिरता के बारे में भी चिंतित है। भारत में करीब 2 करोड़ निवेशकों के पास 4-5 अरब डॉलर के क्रिप्टो के सिक्के रखने का अनुमान है। वैसे अब केवल बिटकॉइन ही नहीं, हजारों क्रिप्टो करेंसी हैं। यदि क्रिप्टो की सप्लाई बढ़ती रहती है, तो कुछ स्तर पर यह मॉनिटरी पॉलिसी के लिए चुनौती भी हो सकती है।

सरकार ला सकती है विधेयक

कहा जा रहा है कि केंद्र सरकार क्रिप्टोकरेंसी पर एक व्यापक विधेयक पेश करने के लिए तैयार है, जिसे संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में पेश किया जा सकता है. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार क्रिप्टोकरेंसी को लेकर वित्त संबंधी स्थाई समिति (Standing Committee on Finance) 15 नवंबर को अगली बैठक करने वाली है. जिसमें इसके सभी पहलुओं पर विचार किया जाएगा.

दो दिन पहले ही केंद्र सरकार ने देश में अवैध तरीके से चल रहे सभी क्रिप्टो एक्सचेंज के मसले पर मीटिंग की थी। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकियों के लिए टेरर फंडिंग और काला धन जमा करने वालों के लिए मनी लॉन्ड्रिंग का जरिया बने इन क्रिप्टो एक्सचेंज के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के लिए कहा। 

इससे पहले  RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने डिजिटल करेंसी को लेकर चेतावनी दी थी। उन्होंने इसे बेहद गंभीर विषय बताया था और जल्द ही कोई बड़ा कदम उठाए जाने की तरफ इशारा किया था। क्रिप्टो करेंसी पर शिकंजा कसने के लिए RBI और शेयर बाजार रेगुलेटर सेबी मिलकर एक फ्रेमवर्क तैयार कर रहे हैं।


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