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अरेराज अनुमंडलीय अस्पताल में दवा जलाने के 5 बाद टूटी सीएस कार्यालय की नींद, तीन सदस्यीय टीम ने की मामले की जांच

अरेराज अनुमंडलीय अस्पताल में दवा जलाने के 5 बाद टूटी सीएस कार्यालय की नींद, तीन सदस्यीय टीम ने की मामले की जांच

MOTIHARI : मोतिहारी के अरेराज अनुमंडलीय अस्पताल में लाखों के नन एक्सपायरी व एक्सपायरी जीवन रक्षक दवा जलाने मामले में 5 दिन बाद सीएस कार्यालय का नींद खुला। सीएस की ओर से गठित तीन सदस्यीय टीम द्वारा अनुमंडलीय अस्पताल पहुंचकर दवा जलाने की जांच किया गया। टीम द्वारा अस्पताल उपाधीक्षक, दवा स्टोर इंचार्य व बीएचएम से पूछताछ के साथ ही दवा स्टोर रूम व दवा जलाने के स्थल का जांच किया गया। जांच टीम द्वारा मीडिया को कुछ भी बताने से परहेज करते हुए सीएस को रिपोर्ट देने की बात कही गयी। 

वही दूसरी तरह आमलोगों में चर्चा थी कि कही मामला को रफा दफा करने के लिए सीओ के जांच रिपोर्ट में बिना एक्सपायरी दवा भारी मात्रा में जलाने की घटना सत्य पाए जाने के बाद भी फिर से जांच कराया जा रहा है। सीओ के जांच के बाद वे मीडिया में खबर आने के बाद अस्पताल प्रबंधन द्वारा देर रात्रि ही जले दवा के अवशेष को गायब कर दिया गया है। वही अरेरज सीओ के जांच रिपोर्ट पर अरेरज एसडीओ ने घटना के दूसरे दिन ही कर्रवाई को लेकर अस्पताल उपाधीक्षक से स्पष्टीकरण की मांग किया गया था। सूत्रों की माने तो जिला के पताही सहित पीएचसी में दवा जलाने व फेकने के मामले में अबतक जांच के बाद कोई कार्रवाई नही होना भी चर्चा का विषय बना हुआ है।

हालाँकि जांच टीम द्वारा अस्पताल उपाधीक्षक, बीएचएम व दवा गोदाम प्रबंधक से गहनता से पूछताछ किया गया। वही दवा गोदाम व दवा जलाने वाले स्थल की जांच किया गया। लेकिन अस्पताल प्रबंधन द्वारा दवा जलाने वाले स्थल से घटना के दिन ही देर रात्रि में सभी अवशेष को नष्ट कर दिया गया था। जांच टीम में जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ शरद चंद्र शर्मा, गैर सरंचना पदाधिकारी डॉ पी के सिन्हा व सदर अस्पताल बीएचएम भारत भूषण सिंह शामिल थे। जांच टीम ने बताया कि जांच रिपोर्ट सीएस को सौंपा जाएगा। 

वही सीएस अंजनी कुमार ने बताया कि अनुमंडलीय अस्पताल में दवा जलाने के खबर के बाद तीन सदस्यीय जांच टीम का गठन किया गया है। जांच रिपोर्ट मिलने पर दोषी के विरुद्ध कड़ी करवाई किया जाएगा। बताते चले कि शुक्रवार को अनुमंडलीय अस्पताल परिसर में ऑक्सीजन प्लांट के बगल में दिन के उजाले में लाखों के जीवन रक्षक दवा जलाया जा रहा था। सूचना मिलने पर एसडीओ अरुण कुमार द्वारा सीओ से मामले की जांच कराया गया। सीओ के जांच रिपोर्ट में भारी मात्रा में अस्पताल प्रबंधन द्वारा दवा जलाने का मामला सत्य पाया गया। जलते दवा में से लिये गए सैम्पल पर कई दवा का एक्सपायरी 2025 में पाया गया था। सीओ के जांच रिपोर्ट पर एसडीओ द्वारा अस्पताल उपाधीक्षक से पत्र प्राप्ति के साथ ही स्पष्टीकरण की मांग किया गया था। 

मोतिहारी से हिमांशु की रिपोर्ट

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