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दाउदनगर अनुमंडल को 31 वें स्थापना दिवस पर मिली सौगात, मैट्रिक परीक्षा के टॉप 10 में तीन गोह और एक औरंगाबाद का

दाउदनगर अनुमंडल को 31 वें स्थापना दिवस पर मिली सौगात, मैट्रिक परीक्षा के टॉप 10 में तीन गोह और एक औरंगाबाद का

AURANGABAD : बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की इंटरमीडिएट के बाद मैट्रिक की बोर्ड परीक्षा में भी औरंगाबाद जिले के छात्राओं ने सफलता का झंडा बुलंद किया है। टॉप 10 में चार औरंगाबाद जिले के है। इसमें स्टेट टाॅपर समेत तीन दाउदनगर अनुमंडल के है जबकि एक औरंगाबाद के है। कमाल यह कि तीनों ही टाॅपर छात्राएं गोह की है। इन छात्राओं की सफलता दाउदनगर अनुमंडल के लिए सौगात है क्योकि आज यानी 31 मार्च का दिन अनुमंडल का स्थापना दिवस है और आज 31वां स्थापना दिवस मनाया जा रहा है। ऐसे में दाउदनगर अनुमंडल के लिए यह दिन बेहद खुशियांे का दिन है और अनुमंडल की बेटियों की सफलता ने इस खुशी को कई गुणा बढ़ा दिया है। 

खुशी इस बात की भी कि शिक्षा का माहौल गांवों तक पहुंच रहा है। गोह सुदूर देहाती क्षेत्र है। ऐसे में यह उपलब्धि और ज्यादा मायने रखती है। गौरतलब है कि इस बार 2022 की मैट्रिक बोर्ड की परीक्षा में औरंगाबाद जिले के दाउदनगर अनुमंडल की एक छात्रा स्टेट टाॅपर रही जबकि एक अन्य छात्रा ने टॉप राज्यभर में तीसरा स्थान लाया है। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा गुरुवार को जारी रिजल्ट में दाउदनगर के पटेल हाई स्कूल की छात्रा रामायणी राय ने 487 अंक लाकर बिहार में पहला स्थान प्राप्त किया है। रामायणी गोह प्रखंड मुख्यालय की ही निवासी है। वहीं गोह के बाजार वर्मा उत्क्रमित उच्च विद्यालय की छात्रा प्रज्ञा कुमारी ने 485 अंक लाकर तीसरा स्थान प्राप्त किया है। इसके अलावा औरंगाबाद के अनुग्रह इंटर स्कूल के छात्र शम्भू कुमार ने 481 अंक प्राप्त कर सातवां स्थान हासिल किया है जबकि गोह के प्रोजेक्ट गल्र्स हाई स्कूल की छात्रा तृप्ति राज ने 479 अंक प्राप्त कर नौवां स्थान हासिल किया है। 

बिहार टाॅपर-1 होने पर रामायणी के घर गोह के न्यू एरिया में खुशियों की लहर दौड़ पड़ी है। रामायणी के पिता जितेंद्र कुमार उर्फ भोला पेशे से पशु चिकित्सक है जबकि मां किरण कुमारी गृहिणी है। रामायणी के दादा राजद नेता राम अयोध्या यादव और माता-पिता उसकी सफलता से आह्लादित है। वे कहते है कि रामायणी ने उनके मस्तक को उंचा किया है और परिवार का सम्मान बढ़ाया है। वही रामायणी ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता, परिवार और गुरुजनों को देते हुए कहा कि वह आगे की पढ़ाई कर पत्रकार बनना चाहती है। पत्रकार के रुप में रविश कुमार उसके आदर्श है और वह उन्ही के जैसा पत्रकार बनना चाहती है।



 

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