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पशु शेड बनाने में अधिकारी और बिचौलिया करते हैं धांधली घटिया सामग्री का प्रयोग, आपत्ति जताने पर मिलता है टका सा जवाब - आपको क्या परेशानी है

पशु शेड बनाने में अधिकारी और बिचौलिया करते हैं धांधली घटिया सामग्री का प्रयोग, आपत्ति जताने पर मिलता है टका सा जवाब - आपको क्या परेशानी है

SUPAUL :- जिले के त्रिवेणीगंज प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत मानगंज पश्चिम पंचायत में कई जगहों पर बिना प्राक्कलन के ही पशु शेड बनाए जाने की जानकारी सामने आ रही है। जानकारी के अनुसार बिचौलिया मिथलेश कुमार साह एवं रोजगार सेवक विक्रम कुमार के मिलीभगत से करीब सैकड़ों लोगों का बिना विभागीय आदेश के ही पशु शेड बना रहे हैं और उसमें से कई लोगों का पशु शेड बनकर तैयार भी है। 

एक पशु शेड में बिचौलिया मिथलेश कुमार साह के द्वारा बीस हजार पहले लिया जाता है। सरकारी आदेश के अनुसार उजला बालू से निर्माण पर रोक है, इसके अलावा तीन नंबर ईंट, उजला बालू, जमीन पर ईंट के टुकड़े को डाल इसका निर्माण कार्य किया गया है। कहीं पर मवेशी के लिए छह फीट, तो कहीं तीन फीट चारा के लिए नाद को बनाया गया है, कई पशु शेड का अभी तक प्राक्कलन नहीं बना है। हद तो इस बात की है. रोजगार सेवक से पूछा जाता है रोजगार सेवक के द्वारा कहा जाता है कि आप पूछने वाले कौन होते हैं. पशुशेड निजी योजना है. लोग जैसा पशुशेड बनाएगा उसी पर भुगतान किया जाएगा। जब पूछा गया कि लोग माटी का घर अगर बना दें  तो आप सरकार की राशि मुहैया करा देंगे।  उसी पर रोजगार सेवक विक्रम कुमार भड़क गए अब तो त्रिवेणीगंज प्रखंड का ऐसा जीता जागता उदाहरण बन गई  जिसकी लाठी-उसकी भैंस वाली कहावत चरितार्थ दिखाई दे रही है। 

कहने को पशु शेड का निर्माण गरीब कल्याण योजना से होना है, जिसमें अधिक से अधिक गरीबों को लाभ पहुंचना है,लेकिन इसे बंदर बाट कल्याण योजना बना दिया गया है। वैसे पशु शेड के नाम पर कथित तौर पर हुई धांधली की अब तक जांच नहीं हुई है। जबकि इससे पूर्व भी पशुशेड घटिया सामग्री से निर्माण को लेकर खबर प्रकाशित किया गया था. लेकिन कोई अभी तक जांच नहीं हुई। 

जांच की जरुरत

जबकि मनरेगा पीओ विजय कुमार नीलम ने कहा कि जांच किया जाएगा. जांच ऐसा हुआ कि विभागीय अधिकारियों के मिलीभगत से आधा दर्जन से अधिक पशु शेड का पैसा भी उठाव कर लिया है, इन पंचायतों की जांच होगी तो बहुत बड़ा खुलासा भी हो सकता है।

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