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जिला प्रशासन के एक्शन के बावजूद दरभंगा में नहीं टूट रहा है भूमाफियाओं का मनोबल, सरकारी तंत्र की मिलीभगत से 65 एकड़ में फैले तालाब कैसरे हिन्द पर दबंगों का कब्जा

जिला प्रशासन के एक्शन के बावजूद दरभंगा में नहीं टूट रहा है भूमाफियाओं का मनोबल, सरकारी तंत्र की मिलीभगत से 65 एकड़ में फैले तालाब कैसरे हिन्द पर दबंगों का  कब्जा

दरभंगा - बिहार के दरभंगा जिला में रातों रात तालाब की चोरी का मामला थमा नही था कि एक और  तालाब गायब होने की खबर ने प्रशासन की नींद उड़ा कर रख दी है। ताजा मामला दरभंगा शहर के मिर्गियास चक स्थित मन पोखर है। जो सरकारी खाते में कैसरे हिन्द के नाम से दर्ज है। कानून के हिसाब से इसे ना तो कोई बेच सकता है और ना ही इसे कोई खरीद सकता है। उसके बावजूद भूमाफिया ने सरकारी तंत्र की मिलीभगत से 65 एकड़ में फैले तालाब को भरकर बेच रहे है। जब इस बात की शिकायत लेकर तालाब बचाओ अभियान के सदस्यों ने जिलाधिकारी से की, तो अपराधियों ने घर मे घुसकर जान से मारने की कोशिश की। लेकिन किस्मत अच्छा रहा कि उन्हें किसी प्रकार का नुकसान नही हुआ।

दरअसल, मन पोखर के नाम से चर्चित यह जलाशय पूर्व में बागमती नदी का फूटा हुआ एक धारा था। जिसे स्थानीय लोग तीन नाम मन पोखर, धोबिया पोखर तथा कोयला मन पोखर के नाम से जानते है। यह मन पोखर महेशपट्टी से शुरू होकर दुमदुमा होते हुए गिदरगंज तक जाता है। 65 एकड़ में फैला यह तालाब सरकारी दस्तावेजों में कैसर ए हिन्द के नाम से अंकित है। पूर्व के समय मे इस जगह के आसपास के लोग गर्मी के समय मे इस पोखर की ठंडी हवा के साथ कंचन पानी हिलोर का मजा लेते थे। लेकिन सरकारी तंत्र के उपेक्षा के कारण धीरे-धीरे इस तालाब का पानी गंदा होने लगा। जिसका फायदा उठाते हुए भूमाफिया ने इसे भर कर सरकारी तंत्र की मदद से बेचना शुरू कर दिया। आज मन पोखर के कई हिस्से में कंक्रीट के बड़े- बड़े मकान खड़े होने लगे है। 

वही तालाब बचाओ अभियान के सदस्य मो तासीम ने बताया कि 8 जनवरी को भूमाफिया के द्वारा मन  पोखर को भरकर बेचने की शिकायत जिलाधिकारी से मुलाकात कर की। शिकायत के ठीक 48 घंटे बाद उनपर बदमाशो के द्वारा जानलेवा हमला हुआ। जिसमें वे अपनी बुद्धि विवेक से बच गए। वही तासीम ने शंका जताया कि कहीं भूमाफिया उनकी हत्या ना करा दे। जिसके लेकर उन्होंने दरभंगा के वरीय अधिकारियों से मुलाकात कर जानमाल की सुरक्षा की गुहार लगाई है। वही उन्होंने बताया कि इस संबंध में कई बार सदर और बहादुरपुर अंचल कार्यालय में शिकायत की। क्योकि यह पोखर दोनों अंचल में आता है। लेकिन नतीजा ढाक के तीन पात साबित हुआ। वही तासीम ने अपने आवेदन में कुछ लोगों का नाम अंकित करते हुए कहा है कि नामजद लोगों में प्रभावशाली व्यक्ति है। जिनका प्रशासन के अंदर अच्छा पेठ है। जिसका परिणाम है कि तालाब को चोरी छिपे बेचकर उसपर भवन का निर्माण कार्य करवाया जा रहा है। 

वही इस संदर्भ में दरभंगा सदर एसडीपीओ अमित कुमार ने बताया कि हमला वाले मामले में कार्यवाही हुई है। अपराधियों के विरुद्ध सुसंगत धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज किया गया है। इस घटना क्रम के दौरान अपराधी दो बाइक मौके पर छोड़कर भागे थे। उसको सीज कर थाना पर लाया गया है। बाइक का डिटेल निकाला जा रहा है। तथा अग्रतर कार्यवाही की जा रही है। वही उन्होंने कहा कि सरकारी ज़मीन या फिर पोखर का अतिक्रमण का मामला सामने आता है तो उस पर सख्त कारवाई की जाती है। हाल में ही विश्वविद्यालय थाना क्षेत्र के नीम पोखर के पास तालाब भरने का मामला प्रकाश में आया था। जिसमे जिला प्रशासन ने कारवाई करते हुए तालाब को पुराने स्वरूप में लाने का काम किया है।

वही दरभंगा के जिलाधिकारी राजीव रौशन ने कहा कि जहां तक लोक भूमि के अतिक्रमण का प्रश्न है। इस संदर्भ मे माननीय उच्च्य न्यायालय का भी आदेश एकदम स्पष्ट है। सार्वजनिक तालाब-पोखर को कोई भी भरेगा तो, लोक भूमि अतिक्रमण अधिनियम के तहत अभियान चलाकर कार्यवाही होगी। विहार सरकार जल जीवन हरियाली अभियान के अंतर्गत तालाब पोखर को प्राथमिकता के साथ अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए संकल्पित है। जब भी इसके बारे में सूचना आती है। हमलोग उसपर अभियान चलाते हुए अतिक्रमण मुक्त कराने का काम करते है। वहीं उन्होंने कहा कि जहां तक मन पोखर के आवेदक के साथ मारपीट की बात है। इस संदर्भ में थाने में प्राथमिकी दर्ज कर दरभंगा पुलिस के द्वारा उस पर नियमाकुल कार्यवाही कर रही है। 

दरभंगा से वरुण ठाकुर की रिपोर्ट

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