अगलगी की बढ़ती घटनाओं के रोकथाम के लिए आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, बिहार अग्निशमन सेवा, नगर निगम मिलकर करेंगे काम, सकरी गलियों के लिए मिस्ट टेक्नोलोजी पर आधारित की गई 12 मोटर साइकिल की व्यवस्था

अगलगी की बढ़ती घटनाओं के रोकथाम के लिए आपदा प्रबंधन प्राधिकर

पटना : बिहार में अगलगी की घटनाओं में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है. अग्निशाम सेवा के द्वारा अगलगी से बचाव हेतु मॉकड्रिल, नुक्कड़ नाटक, हैंडबिल के वितरण एवं अन्य जनजागरूकता कार्यक्रम चला रहा है. विभाग  सकरी गलियों में अगलगी की घटनाओं पर काबू पाने हेतु मिस्ट टेक्नोलोजी पर आधारित 12 मोटर साइकिल की व्यवस्था पटना शहर में की गई है. 

 गर्मियों में अगलगी की बढ़ती घटनाओं के मद्देनजर आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सभाकक्ष में उपाध्यक्ष डॉ. उदय कांत की अध्यक्षता और पारसनाथ राय एवं माननीय सदस्य कौशल किशोर मिश्र के मार्गदर्शन में एक बैठक का आयोजन किया गया.  बैठक में पटना नगर निगम और बिहार अग्निशमन सेवा के वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ ही राजधानी की तकरीबन 10 अग्निप्रवण बस्तियों के बाशिंदों ने भाग लिया. पारसनाथ राय ने कहा कि अग्निप्रवण बस्तियों और झुग्गी झोपड़ियों में अगलगी से बचाव के लिए महिलाओं की भागीदारी महत्वपूर्ण है. उन्होने कहा कि बस्तियाँ ज्यादा संवेदनशील है.

 झुग्गी झोपड़ियों में मिट्टी के लेप के साथ सुबह 9 बजे से पहले खाना बनाने जैसे महत्वपूर्ण कार्यों में महिलाओं की जिम्मेवारी महत्वपूर्ण हो जाती है. अग्निप्रवण बस्तियों के बाशिंदों तथा युगांतर के प्रशिक्षित युवक-युवतियों से उन्होंने समाज में जागरूकता फैलाने के साथ घटना के समय प्रशिक्षण प्राप्त तकनीकों के माध्यम से अगलगी की घटनाओं को रोकने का आह्वान किया. उपाध्यक्ष डॉ उदय कांत ने अग्निप्रवण बस्तियों से आए बाशिंदों से अगलगी के कारणों और बचाव के उपायों पर विस्तृत चर्चा की. बस्तियों में बिजली के खुले तारों को प्रबंधित करने के साथ घर-घर जाकर गैस सिलेन्डर की जांच, बचाव उपायों यथा आग से निपटने के लिए बालू, बाल्टियों में पानी आदि रखने की जरूरतों पर कार्य करने को कहा.  संवेदनशील जगहों पर फ़ायर बॉल के उपयोग करने की बात कही.  साथ ही प्राधिकरण द्वारा प्रशिक्षित खैराटोली, दरियाटोली, योगीपुर, चैनपुर, भूपतिपुर एवं मलाही पकड़ी समूह से आई युवतियों को उन्होंने बस्तियों में लोगों के बीच जाकर जागरूक करने के लिए प्रोत्साहित किया.  

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पटना नगर निगम के अपर नगर आयुक्त राजन सिन्हा ने कहा कि अग्नि से बचाव के लिए नव निर्मित भवनों का अग्निशमन विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त होने के पश्चात ही अधिकारिक मंजूरी दी जाती है. साथ ही स्मॉक डिटेक्टर, अलग पानी टैंक की व्यवस्था आदि सुरक्षा उपायों की भी जांच की जाती है.   

वहीं जिला समादेष्टा सह जिला अग्निशाम पदाधिकारी  मनोज कुमार नट ने अग्निशाम सेवा के द्वारा अगलगी से बचाव हेतु मॉकड्रिल, नुक्कड़ नाटक, हैंडबिल के वितरण एवं अन्य जनजागरूकता कार्यक्रमों के में जानकारी दी. उन्होंने कहा कि सकरी गलियों में अगलगी की घटनाओं पर काबू पाने हेतु मिस्ट टेक्नोलोजी पर आधारित 12 मोटर साइकिल की व्यवस्था पटना शहर में की गई है.