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सत्ता के गलियारे में 'चैंबर' की चर्चा, बड़े नौकरशाह से लेकर चपरासी तक के जुबान पर 50 लाख वाला चैंबर, एक और 'हाकिम' ने बनवाया है खूबसूरत कमरा

सत्ता के गलियारे में 'चैंबर' की चर्चा, बड़े नौकरशाह से लेकर चपरासी तक के जुबान पर 50 लाख वाला चैंबर, एक और 'हाकिम' ने बनवाया है खूबसूरत कमरा

PATNA: बिहार के सत्ता के गलियारे में इन दिनों एक चर्चा हर किसी के जुबान पर है। चाहे वे बड़े नौकरशाह हों या फिर चपरासी। सचिवालय से लेकर पुलिस मुख्यालय व अन्य सरकारी महकमों में पचास लाख वाले चैंबर पर बात हो रही। सत्ता के गलियारे में अफसर से लेकर सेक्शन ऑफिसर व सिपाही तक वो पचास लाख वाले कमरे की खासियत पर खास बात कर रहे । गलियारे में तो यह भी खुसूर-फुसूर है कि केवल एक विभाग में ही नहीं बल्कि एक दूसरे विभाग के हाकिम ने भी चैंबर की खूबसूरती में जनता की गाढ़ी कमाई का पैसा पानी की तरह बहाया है। वो हाकिम भी नाक के बाल माने जाते हैं।

खर्चा सुन अचंभित हैं कई नौकरशाह

सत्ता के गलियारे में बैठे कई वरिष्ठ नौकरशाह तो चैंबर की खूबसूरती बढ़ाने में खर्च की गई राशि सुनकर आश्चर्यचकित हैं। वे इस बात से अचंभित हैं कि एक कमरे के जीर्णोद्धार में इतनी राशि कैसे खर्च हो सकती है। साथ ही इसकी प्रशासनिक स्वीकृति कैसे मिल गई..। जितनी मुंह उतनी बात.....। सत्ता के गलियारे में अब यह तेज चर्चा शुरू है कि विकास भवन में केवल एक ही विभाग नहीं बल्कि उसी विकास भवन में अवस्थित दूसरे विभाग के हाकिम के चैंबर की साज-सज्जा पर भी इससे ज्यादा पैसे बहाये गये हैं। 

 अफसर के चैंबर पर 47 लाख 

वित्तीय वर्ष 2020-21 में विकास भवन स्थित नगर विकास एवं आवास विभाग के कमरा संख्या 119A का जीर्णोद्धार किया गया एक कमरे के मेंटेनेंस में 47 लाख 22653 रुपए की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई थी। यह स्वीकृति 11 जून 2020 को दी गई। इस वित्तीय वर्ष में  47 लाख रुपए में सरकार ने 19 लाख 22653 की राशि स्वीकृत कर दी है. इसके बाद भी 28 लाख रुपए शेष रह गया है. नगर विकास विभाग के विशेष सचिव सतीश कुमार सिंह ने महालेखाकार को पत्र लिखा है.

साहब के फर्नीचर पर खर्च 12.71 लाख रू

महालेखाकार को भेजे गए पत्र में विशेष सचिव ने कहा है कि विकास भवन स्थित नगर विकास एवं आवास विभाग के कमरा संख्या 119ए के जीर्णोद्धार के कार्य की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई थी. केंद्रीय भवन प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता ने राशि आवंटित करने का अनुरोध किया था. वित्तीय वर्ष 2021-22 में कुल 19 लाख 22653 की स्वीकृति प्रदान की गई है. नगर विकास विभाग के कमरा संख्या 119A के जीर्णोद्धार पर जो 47 लाख से अधिक रुपए खर्च हुए हैं उसमें फर्नीचर वर्क पर 1271000 रू की स्वीकृति दी गई। वहीं सिविल वर्क पर 11 लाख 60,200 रू जबकि बिजली एवं एसी वर्क पर 6 लाख 74500 रू,partition work पर 14 लाख 79400 एवं कंसल्टेंसी व GST में 1 लाख 37हजार 553 रु का बजट है। बता दें, पटना के पानी में डूबोने के आरोप में सीएम नीतीश कुमार ने तत्कालीन प्रधान सचिव चैतन्य प्रसाद को हटा दिया था। इसके बाद आनंद किशोर को नगर विकास विभाग के सचिव की जिम्मेदारी दी गई थी। पहले वाले प्रधान सचिव पुराने चैंबर से ही काम करते रहे। लेकिन आनंद किशोर के प्रधान सचिव बनने के बाद कमरा संख्या-119ए में 47 लाख रू से साज-सज्जा व जीर्णोद्धार किया गया।  

राजद ने सीएम नीतीश को कटघरे में खड़ा किया

राजद ने अपने ऑफिशियल ट्वीटर हैंडल से ट्वीट कर कहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कहते है कि बिहार गरीब राज्य है . इसी से प्रेरणा लेते हुए उनके प्रिय अधिकारी अपना चैंबर सजाने पर गरीब जनता की गाढ़ी कमाई का 50 लाख रुपया पानी की तरह बहा देते हैं। ये अधिकारी कई जिम्मा संभाल रहे हैं. इसलिए इनके पास कई चैंबर भी है।




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