DESK : एक तरफ जहां देश भर में लोग दुर्गापूजा को पूरे उत्साह के साथ मना रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ यूपी के भदोही जिले में एक बड़ा हादसा हो गया है। यहां एक दुर्गा पंडाल में लगी भीषण आग में 50 से ज्यादा लोग बुरी तरह से झुलस गए हैं। वहीं एक बच्चे की मौत हो गई है। इस घटना के बाद से पूरे जिले में हड़कंप मच गया है। वहीं, इस घटना में घायल लोगों को पास के अस्पताल में उपचार के लिए भेज गया है. जबकि कुछ गंभीर रूप से घायल मरीजों को वाराणसी के लिए रेफर किया गया है।
भदोही के जिलाधिकारी गौरांग राठी ने बताया कि घटना औराई कस्बे स्थित एक दुर्गा पंडाल की है। गुफानुमा बने पंडाल में घटना के दौरान 200 के करीब लोग मौजूद थे. आरती का कार्यक्रम चल रहा था इसी दौरान शॉर्ट सर्किट की वजह से आग लगने की सूचना है. घटना में अभी तक की जानकारी के अनुसार 52 लोग झुलस गए हैं. इनमें से 32 से ज्यादा लोगों को वाराणसी समेत अन्य शहरों के बड़े अस्पतालों में रेफर किया गया है. इस घटना में अभी तक एक बच्चे की मौत की सूचना मिली है. घायलों को भी अलग-अलग अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घटना में घायल एक महिला ने बताया कि आग बिजली के तार से चिंगारी निकलने से लगी है. इस पूरी घटना को लेकर जांच भी शुरू हो गई है।
बरती गई सारी सावधानी
जिलाधिकारी ने बताया कि यह घटना दुर्भाग्य पूर्ण है क्योंकि हमने पहले ही सभी तरह के एहतियात बरते थे. लेकिन ये आग कैसे लगी इसके बारे में विस्तार से पता लगाना जरूरी है. शुरुआती जांच में तो ये शॉर्ट सर्किट की वजह से हुई घटना लगता है लेकिन हम मामले की जांच करा रहे हैं. जल्द ही आग लगने के मुख्य कारण का भी पता लगा लिया जाएगा. इस घटना के पीछे जो भी जिम्मेदार होगा उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
पल भर में तेजी से फैली आग
पंडाल स्थल पर चलने वाले शो में प्रोजेक्टर के माध्यम से धार्मिक कार्यक्रम दिखाए जा रहे थे। गुफानुमा बने स्थल में आने-जाने का सिर्फ एक ही रास्ता है। उक्त गुफा फाइबर और प्लास्टिक के पन्नी से बनाई गई थी। इससे कुछ ही पलों में पूजा पंडाल धू-धू कर जलने लगे। वहां मौजूद लोगों को संभलने का मौका नहीं मिला और अधिकतर लोग झुलस गए। आग लगने के बाद अंदर भगदड़ मच गई। इससे कई महिलाएं और बच्चे गिर गए। आग तेजी से फैली और उसके चपेट में सभी आ गए। उक्त शो देखने के लिए नरथुआं, उपरौठ, बारीगांव, औराई, घोसिया, भवानीपुर, जेठूपुर, उगापुर, औराई सहित दर्जन भर से अधिक गांव की महिलाएं और बच्चे पहुंचते हैं।
बताया जाता है कि तीन साल पूर्व भी उक्त पंडाल में आग लगी थी, लेकिन उस दौरान समिति के लोगों ने किसी तरह आग बुझा ली थी। तीन साल पूर्व की हुई घटना के बाद भी अधिकारियों ने न तो वहां की तैयारियां देखी न ही आयोजन समिति की ओर से दी गई व्यवस्था ही जांची जबकि पंडाल में भारी भीड़ उमड़ रही थी। अगर पहले ही पंडाल में आने-जाने की व्यवस्था की गई होती तो घटना इतनी बड़ी नहीं होती।