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शिक्षित बिहार और तेजस्वी बिहार! शिक्षा मंत्री ने नए ट्वीट से मौजूदा सरकार को दे दिया बड़ा संदेश

शिक्षित बिहार और तेजस्वी बिहार! शिक्षा मंत्री ने नए ट्वीट से मौजूदा सरकार को दे दिया बड़ा संदेश

PATNA : रामचरित मानस को नफरती ग्रंथ बताने के बाद देश भर के हिंदू संगठनों के निशाने पर आए बिहार के शिक्षा मंत्री को राजद का साथ मिलने के बाद हौंसला बढ़ गया है और वह खुलकर अपनी पार्टी की सरकार बनाने की चर्चा करने लगे हैं। विवाद के बीच उन्होंने एक ट्वीट किया है - जिसमें शिक्षा विभाग की एक खबर के साथ कैप्शन में लिखा - शिक्षित बिहार और तेजस्वी बिहार। 

अब शिक्षा मंत्री के इन पांच शब्दों वाले ट्वीट को लेकर महागठबंधन की दोनों प्रमुख पार्टियों जदयू और राजद के बीच बहस का एक और मुद्दा दे दिया है। राजनीतिक क्षेत्रों में इसे राजद और जदयू के बीच शीर्ष पद को लेकर चल रही खींचतान से जोड़कर देखा जा रहा है। यह अलग बात है कि इस ट्वीट पर जदयू की कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।

तेजस्वी यादव ने संभाल लिया

इससे पहले कि शिक्षा मंत्री के इस ट्वीट को लेकर कोई विवाद बढ़ता, तेजस्वी यादव ने तत्काल इस पर अपनी सफाई दे दी। उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने इससे जुड़े सवाल को यह कहकर टाल दिया कि यह सिर्फ मेरा ही नाम नहीं है। हर व्यक्ति का अपना नजरिया होता है।

यशस्वी से अब तेजस्वी

बिहार में शिक्षा मंत्री बनने के समय भी प्रो. चंद्रशेखर ने एक ट्वीट किया था, जिसमें उन्होंने लिखा था  उन्नत शिक्षा, शैक्षणिक सुधार, हमारा संकल्प यशस्वी बिहार। लेकिन अब जैसे ही रामचरित मानस पर तेजस्वी ने शिक्षा मंत्री के बयान का बचाव किया। लेकिन, नए ट्वीट में यशस्वी की जगह अब तेजस्वी ने ले लिया है। यशस्वी से तेजस्वी तक के ट्वीट की यात्रा में जितना भी समय लगा हो, शिक्षा मंत्री का आज तक का यह अंतिम ट्वीट राजद-जदयू के संबंधों में दरार बढ़ाने वाला माना जा रहा है।

राजनीति पर पैनी नजर रखने वाले लोग सूत्रों को जोड़कर शिक्षा मंत्री के ट्वीट का अर्थ निकाल रहे हैं। अंतिम सिरा वहां पहुंच रहा है कि राजद जल्द से जल्द चालक की सीट पर बैठना चाह रहा है। इसे राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के एक वक्तव्य से जोड़कर देखें तो तस्वीर और साफ हो जाएगी। राजद प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद ने कहा था कि उन्हें (मुख्यमंत्री नीतीश को) बड़े पद (प्रधानमंत्री) के लिए छोटा पद (मुख्यमंत्री) छोड़ देना चाहिए।


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