बिहार में दुरुस्त होगी स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था, आउटसोर्सिंग पर लिए जायेंगे गेस्ट टीचर, निजी वेंडर करेंगे स्कूल की सफाई

PATNA : बिहार में शिक्षा में सुधार के लिए कई कदम उठाये जा रहे हैं। 01 जुलाई 2023 से विद्यालयों में शुरू हुई अनुभवण की व्यवस्था के बाद विद्यालयों की कमियों एवं समस्याओं को सुलझाने हेतु विभाग ने कई कदम उठाए हैं। इसके लिए विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक ने कई निर्देश जारी किये है। विद्यालयों के सतत् अनुभवण से विद्यालयों में छात्रों की उपस्थिति आशातीत बढ़ी है। 

ऐसे में यह समस्या उत्पन्न हुई है कि कई कक्षाएं बरामदे में चल रही हैं अथवा दो पालियों में चल रही है। इस समस्या से निपटने के लिए विभाग ने सभी माध्यमिक / मध्य / प्राथमिक विद्यालयों में आवश्यकतानुसार Prefab Structure बनाने का निर्णय लिया है।

 वहीँ विद्यालयों में अध्यापकों की कमी छात्रों की बढ़ती उपस्थिति को देखते हुए कमरों के अलावा अध्यापकों की भी कमी महसूस की गई है। यद्यपि बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा अध्यापकों की नियुक्ति की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है। किन्तु इन अध्यापकों के परिणाम आने उनके योगदान देने तथा प्रशिक्षण में कम-से-कम चार से छह माह का समय लग जाएगा। ऐसे में तात्कालिक व्यवस्था के तहत इन विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों को प्राधिकृत किया गया है कि ये Outsourcing के माध्यम से तय एजेंसियों से आवश्यकतानुसार Guest Teachers की सेवा ले सकते हैं। 

Nsmch
NIHER

विद्यालयों के कमरे फर्नीचर लैब लाईब्रेरी इत्यादि की साफ- सफाई नियमित नहीं होती है। विशेषकर शौचालयों की सफाई तो बिल्कुल ही नहीं होती है। इस समस्या से निपटने के लिए विभाग ने 01 सितम्बर 2023 से निजी वेन्डरों के माध्यम से विद्यालयों की Housekeeping का जिम्मा देने का निर्णय लिया है। ICT लैब लगभग 10 हजार विद्यालयों में कम्प्यूटर लैब लगाने की योजना है। प्रथम चरण में 4707 विद्यालयों में कम्प्यूटर लगेंगे।