DESK : लोकसभा चुनाव नजदीक है तो डीएमके अपनी हिंदू विरोधी छवि को ध्वस्त कर हिंदू हितैषी छवि गढ़ने का प्रयास में जुट गई है. जिसका ताजा उदाहरण है मंदिरों में भक्तों को फ्री में छाछ देना। स्टालिन सरकार ने हाल के महीनों में जिस तरह हिन्दू विरोधी बयान दिया था, उससे पार्टी की छवि न सिर्फ तमिलनाडू के हिंद्ओं में बल्कि राजनीतिक स्तर पर भी खराब हुई थी। जिसका असर चुनाव में पड़ता हुआ नजर आ रहा है। यही कारण है कि न सिर्फ मंदिर आनेवाले लोगों को छाछ पिलाने का फैसला लिया गया है, बल्कि डीएमके सरकार 'तमिल भगवान' के तौर पर जाने जाने वाले भगवान मुरुगन को लेकर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन करने वाली है.
राज्य के हिंदू धार्मिक और धर्मार्थ बंदोबस्ती विभाग के मंत्री पी.के. शेखर बाबू ने गुरुवार को कहा कि इन दिनों गर्मी के मौसम में बहुत तेजी है. जिसके बाद भक्त लोग प्यासे रह जाते हैं. उनके लिए मंदिरों में फ्री छाछ दिया जाएगा. उनका कहना था कि मंदिर पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की प्यास बुझाना हमारा परम कर्तव्य है, जिसके लिए हमने यह फैसला किया है. इस परियोजना का नाम 'नीर मोर' है.
मंत्री ने यह भी कहा कि आने वाल दिनों में इस परियोजना को पूरे राज्य में फैलाने का प्रयास किया जाएगा. मंत्री शेखर बाबू ने कहा कि शुक्रवार को नीर मोर परियोजना को प्रदेश के 48 मंदिरों में शुरू किया जाएगा.
दयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म के खिलाफ दिया था बयान
तमिलनाडु के सीएम के बेटे और मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि 'कुछ चीजों का न सिर्फ विरोध होना चाहिए बल्कि उन्हें जड़ से खत्म कर दिया जाना चाहिए. हम डेंगू, मच्छर, मलेरिया और कोरोना वायरस का विरोध नहीं कर सकते, इन्हें खत्म करना होगा. इसी तरह सनातन का खत्म करना है.'
उदयनिधि के बयान से काफी हंगामा हुआ था और ये मामला हाईकोर्ट में भी गया. हाईकोर्ट ने भी उदयनिधि को उनके बयान के लिए फटकार लगाई थी. अब उन्हीं उदयनिधि स्टालिन की मां का मंदिर में पूजा अर्चना करने को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं.