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चुनाव से पहले नाराजगी खत्म करने की कोशिश ! चार लाख से अधिक कर्मचारी-अधिकारी को फायदा पहुंचाने का नीतीश सरकार ने लिया निर्णय, SC के निर्णय से प्रोन्नति प्रभावित हुई तो भी बढ़ा वेतन नहीं वसूलेगी सरकार

चुनाव से पहले नाराजगी खत्म करने की कोशिश ! चार लाख से अधिक कर्मचारी-अधिकारी को फायदा पहुंचाने का नीतीश सरकार ने लिया निर्णय, SC के निर्णय से प्रोन्नति प्रभावित हुई तो भी बढ़ा वेतन नहीं वसूलेगी सरकार

PATNA: लोकसभा का चुनाव सिर पर है. लिहाजा नीतीश सरकार एक्शन में है. सरकार को लेकर न सिर्फ जनता बल्कि सरकारी सेवकों में भी भारी नाराजगी है. नाराजगी इस बात को लेकर है कि सात सालों से सरकार उन्हें प्रोन्नति नहीं दे रही. बिहार के कर्मचारियों ने इसको लेकर कई दफे आवाज भी उठाई लेकिन मामला सुप्रीमकोर्ट में होने का बहाना बनाकर सरकार पल्ला झाड़ रही थी. लेकिन अब जाकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को कर्मचारियों के आगे झुकना पड़ा और बहुप्रतिक्षित मांग को स्वीकार करना पड़ा हैसरकार ने सुप्रीम कोर्ट का अंतिम फैसला आने तक पंचायत से लेकर बिहार प्रशासनिक सेवा के उच्चतर पदों तक सभी कर्मचारी अधिकारियों को प्रोन्नति दी है. सरकार के इस निर्णय से चार लाख से अधिक सरकारी सेवकों को लाभ होगा.

नीतीश सरकार ने आज शुक्रवार को कैबिनेट की बैठक बुलाई थी. बैठक में वैसे तो आठ एजेंडों पर मुहर लगी. लेकिन सबसे खास यह रहा कि  राज्य के सभी प्रोन्नति योग्य पदाधिकारियों व कर्मचारियों को प्रोन्नति की सारी सुविधाएं देने का निर्णय किया है। इस फैसले से चार लाख से ऊपर कर्मियों की एक साथ प्रोन्नति का रास्ता साफ हो गया है।लेकिन शर्त यह है कि अगर सुप्रीम कोर्ट का फैसला विपक्ष में आता है तो प्रोन्नति प्रभावित हो जायेगी और वे जहां थे वहीं आ जायेंगे. हालांकि नीचे वाले पद पर आएंगे तब भी उनसे उच्च पदों पर लिए गए वेतनमान को सरकार वसूल नहीं करेगी. 

बिहार कैबिनेट के अपर मुख्य सचिव डा. एस सिद्धार्थ ने बताया कि मंत्रिमंडल ने एससी के 16 और एसटी के 1 यानी कुल 17 फीसदी पदों को फ्रीज करते हुऐ बाकी बचे 83 प्रतिशत पदों पर प्रोन्नति देने का निर्णय लिया है। इन 83 प्रतिशत पदों पर प्रोन्नति देने में भी यह देखा जाएगा कि एससी के 16 और एसटी के 1 यानी कुल 17 प्रतिशत  पदों का उनका कितना प्रतिनिधित्व है। यदि निर्धारित 17 प्रतिशत पदों में उदहारण के लिए 5 प्रतिशत या 7 प्रतिशत पद ही भरते हैं तो शेष बचे 12 या 10 प्रतिशत पदों को भी फ्रीज रखा जाएगा। 

बता दें,  वर्ष 2016 से एससी एसटी के पदों की प्रोन्नति का मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है। इस कारण राज्य के सरकारी कर्मचारियों अधिकारियों को उनके ही वेतनमान में अब तक उच्च पदों का चार्ज दिया जाता रहा है। उन्हें उच्च पदों का वेतनमान नही मिलता। अब सरकार के इस महत्वपूर्ण निर्णय से जिस पद पर कर्मी अधिकारी काम करेंगे उस पद का वेतनमान व अन्य सुविधाएं उन्हें मिलेंगी। कैबिनेट सचिव सिद्धार्थ ने बताया कि रोस्टर का बिंदु अभी स्थगित रखा गया है .भविष्य में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के अनुसार सभी को नियमित प्रोन्नति दी जाएगी।

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