DESK. चुनाव आयोग के एक आदेश से भाजपा और केंद्र की मोदी सरकार को बड़ा झटका है. इससे विधानसभा चुनावों में पूरे दम ख़म के साथ उतरने वाली भाजपा को अब मोदी सरकार की लोक लुभावन योजनाओं का प्रचार करने का मौका नहीं मिलेगा. चुनाव आयोग ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि वह 5 दिसंबर तक पांच राज्यों में अपनी प्रस्तावित 'विकसित भारत संकल्प यात्रा' न निकाले.चुनाव आयोग ने कैबिनेट सचिव राजीव गौबा को संबोधित करते हुए एक लेटर में लिखा, केंद्र से आगामी चुनाव वाले राज्यों और नागालैंड के तापी निर्वाचन क्षेत्र में "जिला रथप्रभारी" नियुक्त करने से परहेज करने को भी कहा. तापी में उपचुनाव होना है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिरसा मुंडा जयंती-जन जाति गौरव दिवस के अवसर पर सूचना, शिक्षा और संचार वैन को हरी झंडी दिखाकर इस यात्रा का शुभारंभ करेंगे. चुनाव आयोग ने कहा, "यह आयोग के संज्ञान में लाया गया है कि 20 नवंबर, 2023 से शुरू होने वाली प्रस्तावित 'विकसित भारत संकल्प यात्रा' के लिए मंत्रालयों से 'जिला रथ प्रहरियों' के लिए विशेष अधिकारियों के नाम मांगे गए हैं।" आयोग ने निर्देश दिया है कि यह यात्रा उन निर्वाचन क्षेत्रों में नहीं की जानी चाहिए जहां 5 दिसंबर, 2023 तक आदर्श आचार संहिता लागू है।
सूचना और प्रसारण सचिव अपूर्व चंद्रा ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि 2.55 लाख ग्राम पंचायतों और लगभग 18,000 शहरी स्थानों में सरकारी पहल को बढ़ावा देने के लिए हम ऐसा कर रहे थे. पर अब इन पांच राज्यों में इन्हें शुरू करने की हमारी कोई योजना नहीं है.
ऐसे में छतीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना, मिजोरम सहित नागालैंड के एक विधानसभा क्षेत्र में हो रहे उपचुनाव में 'विकसित भारत संकल्प यात्रा' 5 दिसम्बर तक नहीं जाएगी. माना जा रहा है कि केंद्र सरकर ने अगले लोकसभा चुनाव के पहले अपनी सरकार की प्रमुख योजनाओं को आम जन तक पहुँचाने के लिए इस पहल की शुरुआत की है. लेकिन अब चुनाव आयोग के आदेश से 5 राज्यों में 5 दिसम्बर तक यह यात्रा नहीं होगी.