SITAMADHI : यास चक्रवात तूफान के कारण बीते 2 दिनों से सीतामढ़ी में हो रही बारिश के चलते जिले के कई इलाकों में पानी भर गया है. नदियों में भी अचानक जल स्तर बढ़ गया है. जिसका असर भी नजर आने लगा है। जिले के बेलसंड अनुमंडल क्षेत्र के चंदौली में बागमती नदी पर बने चचरी पुल से लोग नदी पार कर रहे थे तभी अचानक यह टूट गया. पुल पर दर्जन भर से अधिक लोग आवागमन कर रहे थे. स्थानीय ग्रामीणों के लाख समझाने के बावजूद यह लोग नदी पार करना चाहते थे. गनीमत रही कि इस हादसे में एक भी व्यक्ति की जान नहीं गई है. हालांकि चचरी पुल टूटने के बाद एक व्यक्ति नदी में डूब रहा था लेकिन किनारे खड़े लोगों ने उसे सुरक्षित बचा लिया.
इस चचरी पुल के टूटने की दिल दहला देने वाला वीडियो भी सामने आया है, जिसमें देखा जा सकता है कि किस तरह लोग पुल को पार कर रहे हैं। अचानक नदी की तेज धारा के साथ पुल का एक किनारा टूट कर बहने लगता है। वहीं पुल पर मौजूद लोग किस तरह भागकर या नदी में कूदकर अपनी जान बचाते हैं।
स्थानीय निवासी मोहम्मद तबरेज ने बताया कि आपसी जनसहयोग से यह चचरी पुल हर वर्ष बनाया जाता है. बाढ़ आने पर प्रत्येक साल यह टूट जाता है. शनिवार की सुबह से ही आवागमन बंद कर दिया गया था लेकिन कुछ लोग फिर भी नदी पार करने की कोशिश कर रहे थे तभी यह हादसा हो गया. उन्होंने बताया कि बेलसंड के चंदौली में पिछले लंबे अरसे से पुल का निर्माण हो रहा है ।नदी में जब पानी रहता है तो लोग नाव के सहारे इस नदी को पार करते है लेकिन पानी कम होने पर लोग चचरी पुल का निर्माण कर अपना आवागमन पूरा करते है।
आधा दर्जन गांवों का संपर्क पथ टूटा
चचरी पुल के टूट जाने के बाद प्रखंड मुख्यालय से दर्जनों गांवों का संपर्क टूट गया है. स्थानीय डुमरा, नुनौरा, दरियापुर आदि गांव से प्रखंड मुख्यालय जाने का एकमात्र चचरी पुल सहारा था। हालांकि सरकार की ओर से बेलसंड - मीनापुर पथ पर करोड़ों की लागत से RCC पुल का निर्माण कराया जा रहा है लेकिन कछुआ की रफ्तार से काम हो रहा है. फिलहाल चचरी पुल के टूट जाने से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ेगा। लोगों का कहना है कि सरकार द्वारा पुल का निर्माण कब तक किया जाएगा, इसका पता नहीं है। ऐसे में कोरोना महामारी से मरने से बेहतर है कि हम इस पुल से ही गुजर कर आना जाना करें