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खेत में पराली न जलाये किसान, पकडे जाने पर होगी कड़ी कार्रवाई, जानिए किस डीएम ने दी चेतावनी

खेत में पराली न जलाये किसान, पकडे जाने पर होगी कड़ी कार्रवाई, जानिए किस डीएम ने दी चेतावनी

KAIMUR : कैमूर जिले के किसान धान और गेहूं की कटनी हो जाने के बाद खेतों में आसानी से पराली को जला देते थे. लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. कैमूर के डीएम नवल किशोर चौधरी ने धान काटने से पहले बताया कि इस बार हमारे तरफ से कैमूर जिले के किसान को एक अपील है कि कोई भी किसान अपने खेत में पराली ना जलाएं. इससे काफी क्षति होती है. किसानों के हित की बात करते हुए जिलाधिकारी ने बताया कि धान के पुआल और गेहूं के डंठल जलाने से किसानों के उपज की क्षती होती है. अपने सुविधा के लिए बड़े किसान इस को आसानी से जला देते हैं. लेकिन खेत के उपज की उन्हें कोई परवाह नहीं रहती है. बाद में किसान खाद यूरिया और डाइ जैसे उर्वरक का उपयोग करने लगते हैं. यदि खेत में डंठल नहीं जलाया जाएगा तो यूरिया, डाई इत्यादि का कम छिड़काव होगा. उससे किसान को फायदा होगा. 

वहीं उन्होंने बताया कि जलाने से एक क्षति और होती है. खेत में जो नमी होती है. वह सूख जाती है. जिससे किसान परेशान होकर खेत में पटवन के लिए पानी की तलाश करने लगते हैं. जब मिट्टी गर्म होती है तो खेत का नमी सूख जाता है. यदि इसको जलाया ना जाए तो जल का कम उपयोग होगा और खेत में भी नमी बनी रहेगी. वही जिलाधिकारी ने कहा की हमने टीम गठित कर दिया है कि इस बार कटनी  होने के बाद कोई भी किसान खेत में पराली ना जलाएं. यदि किसान खेत में लगे डंठल और पुआल को जलाते हैं तो वैसे किसानों पर जिला प्रशासन कार्रवाई करेगा. उनके ऊपर प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी और उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं दिया जाएगा. 3 साल तक उन्हें लाभों से वंचित कर दिया जाएगा. वैसे किसान को चिन्हित कर विभाग में सूची भी बनाई जाएगी. 

इतना ही नहीं जिलाधिकारी ने बताया कि हार्वेस्टर मालिक, बड़े किसान और पशु पालक के साथ हम बैठक करेंगे और उन लोगों को बताएंगे कि सरकार के द्वारा एक यंत्र मंगाया गया है. वह सभी लोग खरीद ले. उस पर 75 परसेंट का सब्सिडी भी है और इससे पशुपालकों का एक व्यवसाय भी हो जाएगा. बड़े पशुपालक यदि विपर मशीन ले लेते हैं तो उन्हें काफी लाभ होगा. जो किसान अपने खेतों में हार्वेस्टर से धान कटवा कर पुआल को छोड़ देते हैं. वैसे किसानों के खेतों में जाकर पशुपालक उस पुआल को मवेशी के लिए चारा बना सकते हैं. उससे पशुपालकों को लाभ होगा. वही बड़े किसानों को भी हम कहेंगे कि वह लोग भी अपने खेत में किसी भी प्रकार का डंठल ना जलाएं. यदि इस तरह की बात हमारे पास आएगी तो हम उस किसान को बख्सेंगे नहीं. अन्यथा वह लोग भी विपर मशीन का ही प्रयोग करें. 

यदि जिस किसान के पास नहीं है वह पता कर ले कि किस पशुपालक के पास है. उनको अपना पुआल दे दें. जिससे कि वह मवेशी का चारा बना सके. यदि अगर वह चाहते हैं कि हम अपने पुआल को अपने पास रखें तो वैसे किसान उसको मशीन से कटवा कर अपने पास रखे. बाद में वह खाद के भी काम में आ जाएगा. वही उन्होंने बताया कि हार्वेस्टर मालिकों से मीटिंग कर बताएंगे कि वह लोग भी जिस किसान का धान काटेंगे. उनके हार्वेस्टर मशीन के साथ विपर मशीन भी चलेगी. बिना मशीन का खेत में हार्वेस्टर धान काटते हुए पकड़ा गया तो हार्वेस्टर को भी जब्त किया जाएगा और हार्वेस्टर मालिक के ऊपर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी. 

कैमूर से देवब्रत की रिपोर्ट 

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