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सिमरिया में रामकथा की अमृतवर्षा के साथ होने वाले साहित्य महाकुंभ के आयोजन में तेजी

सिमरिया में रामकथा की अमृतवर्षा के साथ होने वाले साहित्य महाकुंभ के आयोजन में तेजी

PATNA :  

वेद मत सोधि सोधिसोधि कै पुरान सबै,
 
संत औ असंतन को भेद को बतावतो | .
 
कपटी कुराही क्रूर कलि के कुचाली जीव,
 
कौन राम नामहूँ की चरचा चलावतो ||
 
भारी भव सागर उतारतो कवन पार,
 
जो पै ये रामायन तुलसी न गावतो ||

रीति काल के सरस कवि बेनी ने रामायण की महत्ता को रेखांकित करते हुए कहा है कि अगर संसाररूपी भवसागर के पार उतारना है तो रामायण को सुने भी और गुणे भी। रामायण में मर्यादित जीवन का सार भी है और व्यवहार भी। अगर  समाज को अनुशासित रहना है तो रामचरित मानस के रास्ते चल कर ही यह संभव है। रामचरित मानस में संसार के प्रत्येक रिश्तों की बड़ी ही विशद व्याख्या है। मतलब एक पति के तौर पर, एक पत्नी के तौर पर, एक भाई के तौर पर, एक पिता के तौर पर, एक माता के तौर पर और एक पुत्र के तौर पर जीवन को कैसे जिया जाये ताकि वो मर्यादित जीवन की संज्ञा से विशेषित हो सके, इसकी सीख व्यक्ति को रामचरित मानस से ही मिलती है। युगों युगों से रामकथा की सांस्कृतिक और संस्कारित यात्रा अनवरत जारी है। समय समय पर समाज को संस्कारित करने के लिए मनीषियों एवं संतों के द्वारा रामकथा की अमृत वर्षा कर  समाज को सिंचित करने का सदप्रयास किया जाता रहा है। इसका स्पष्ट और सार्थक प्रभाव भी देखने और सुनने को मिलता है। 

बड़े भाग्य से प्राणि को मानव जीवन मिलता है

इतना ही नहीं रामचरित मानस में यह भी गाया गया है कि बड़े भाग्य से प्राणि को मानव जीवन मिलता है और मोक्ष की प्राप्ति जीव के तौर पर मनुष्य को ही मिलती है। लेकिन यह तभी संभव है जब रामचरित मानस के मुताबिक जीवन जीने के ढंग को व्यवहारित कर लिया जाए। आज वो बहुप्रतिक्षित समय फिर से आने जा रहा है जब राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर के गांव सिमरिया के गंगा तट पर आज के तुलसी प्रख्यात संत मुरारी बापू के मुखारविंद से रामचरित मानस के रस का प्रवाह होगा। साथ ही साहित्य के महाकुंभ का विराट आयोजन भी। कहा जाता है कि साहित्य वही है जिसमें लिखी गयीं बातें समाज के हित में हो। गौरतलब है कि सिमरिया में होने वाले इस विराट आयोजन को लेकर बैठकों का दौर जारी है। टेंट सिटी के निर्माण से लेकर आने वाले श्रद्धालुओं के प्रसाद की व्यवस्था को लेकर तैयारी करीब- करीब पूरी कर ली गयी है। यह दावा किया जा रहा है कि इस आयोजन में शामिल होने के लिए देश के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री से लकेर 167 देशों की चर्चित हस्तियां सिमरिया आएंगी।

1 दिसंबर से 9 दिसंबर तक होगा आयोजन

1 दिसंबर से 9 दिसंबर तक चलने वाले इस समारोह में पूर्वाह्न में सुप्रसिद्ध कथा वाचक मोरारी बापू द्वारा रामकथा तथा अपराह्न में साहित्य महाकुम्भ का आयोजन किया जा रहा है। साहित्य महाकुम्भ में साहित्य सत्र एवं सांस्कृतिक ओलम्पिक का आयोजन किया जाएगा। साहित्य महाकुंभ में विश्व के 167 देशों के एनआरआई साहित्यकार, पत्रकार और धर्मावलंबी भाग लेंगे। देश भर के धर्म, साहित्य और सांस्कृति से जुड़े लोग इसमें मौजूद रहेंगे। आयोजन में भारतीय संस्कृति पर विश्व के कई देशों के संस्कृति प्रेमी अपनी कला का प्रदर्शन कर अभिराम छटा बिखेरेंगें।

लाख लोगों के लिए टेंट सिटी बसेगी

सिमरिया में करीब 1 लाख लोगों के रहने ठहरने की व्यस्था के लिए टेंट सिटी का निर्माण किया जा रहा है। जापान और कोरिया की कंपनी टेंट सिटी के निर्माण में लगी है। 6 किलोमीटर में टेंट सिटी बसायी जाएगी।

करोड़ लोगों के लिए प्रसाद की व्यवस्था

राम कथा और साहित्य महाकुंभ में करीब 1 करोड़ लोगों के पहुंचने का अनुमान किया  जा रहा है। इसको लेकर 1 करोड़ लोगों के लिए प्रसाद की व्यवस्था की जा रही है। 45 टन घी का प्रबंध किया गया है। प्रसाद जैविक खेती से तैयार उत्पादों के द्वारा किया जाएगा। इसको लेकर मोतीहारी और समस्तीपुर में सैकड़ों एकड़ भूमि में जैविक खेती की जा रही है।

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