पटनाः बिहार कैबिनेट की बैठक बुधवार को गया में संपन्न हुई।सीएम नीतीश की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में 29 एजेंड़ों पर मुहर लगी है।नीतीश कैबिनेट ने गया में गंगा जल पहुंचाने के प्रस्ताव की मंजूरी दी है।जल जीवन हरियाली अंतर्गत पेयजल हेतू गंगा जल उद्वह योजना प्रथम चरण के कार्यान्वन को लेकर 2836 करोड़ रू की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई है।
बिहार कैबिनेट ने स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सक डॉ. कन्हैया लाल ,डॉ प्रभात कुमार ,डॉ संजय कुमार झा, डॉ वीरेंद्र कुमार, डॉक्टर सुनैना कुमारी ,डॉ ब्रजेश नंदन कुमार, डॉक्टर मुक्ता मनीषी को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है .सामान्य प्रशासन विभाग के प्रस्ताव बिहार मद्य निषेध और उत्पाद अधिनियम 2016 के अंतर्गत मामलों के त्वरित निष्पादन हेतु 74 अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश के पदों के सृजन की स्वीकृति दी गई है. मधुबनी जिला के लौकही थाना के नरहिया बाजार में पुलिस चौकी का सृजन किया गया है इसके लिए कुल 8 पदों की स्वीकृति दी गई है.
गया के पहाड़पुर में आयोजित इस कैबिनेट बैठक के बाद जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने बताया कि धर्म और पर्यटन की दृष्टि से अति महत्वपूर्ण माने जाने वाले गया, बोधगया और राजगीर में निरन्तर गहराते जल संकट से हम सभी अवगत हैं। इस समस्या के समाधान के लिए हमारा विभाग मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अनूठी जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत पर्याप्त अध्ययन और दूरगामी सोच के साथ गंगा जल उद्वह योजना पर युद्धस्तर पर कार्य कर रहा है। झा ने आगे कहा कि गंगा जल उद्वह योजना जल संसाधन विभाग की जल जीवन हरियाली अभियान के तहत सबसे मुख्य परियोजना है। आज की कैबिनेट स्वीकृति के बाद जून, 2021 तक इस योजना के तहत मुख्य पाइप लाईन, भंडारण स्थलों एवं जल शोधन केन्द्रों का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद गया, बोधगया और राजगीर शहरों के लिए वर्ष 2051 की अनुमानित जनसंख्या के हिसाब से सालों भर जलापूर्ति की मांग सुनिश्चित हो जायेगी.
जल संसाधन विभाग के मंत्री ने स्पस्ट किया। महत्वाकांक्षी गंगा जल उद्वह योजना का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद इन शहरों के लाखों निवासियों, यहाँ आने वाले पर्यटकों और धार्मिक श्रद्धालुओं के लिए पानी की समस्या का निवारण हो जाएगा तथा साथ ही भूजल स्तर पर सकारात्मक असर पड़ने से किसानों को सिंचाई की बेहतर सुविधा भी मिलने लगेगी।
2022 तक इस परियोजना के अगले चरण के कार्य पूर्ण हो जाने पर नवादा शहर के पेयजल आपूर्ति की समस्या का भी समाधान हो जायेगा। इस परियोजना के पहले चरण में वर्ष 2021 तक गया और राजगीर शहरों को सम्मिलित रूप से लगभग 50 मिलियन क्यूबिक मीटर पेयजल की आपूर्ति करने का लक्ष्य रखा है।