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बिहारवासियों के लिए अच्छी खबर, IGIMS में ओपेन हर्ट सर्जरी शुरू, जल्द ही लीवर ट्रांसप्लांट भी होगा

बिहारवासियों के लिए अच्छी खबर, IGIMS में ओपेन हर्ट सर्जरी शुरू, जल्द ही लीवर ट्रांसप्लांट भी होगा

PATNA : बिहारवासियों के लिए अच्छी खबर है। अब उन्हें महंगे इलाज के लिए पटना से बाहर नहीं जाना पड़ेगा। लंबे अरसे के बाद आईजीआईएमएस में ओपेन हर्ट सर्जरी का काम शुरू हो गया है। यह बिहार का पहला सरकारी अस्पताल है, जहां बाईपास सर्जरी हो रही है। स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने बताया कि जल्द ही हर्ट ट्रांसप्लांट का काम भी शुरू किया जाएगा। इसके लिए कार्डियोलाॅजी विभाग काम कर रहा है। इसके अलावा आने वाले समय में आईजीआईएमएस में लीवर ट्रांसप्लांट भी किया जाएगा। इसके लिए चिकित्सकों के एक दल का प्रशिक्षण दिल्ली एम्स में चल रहा है। एक राउंड की ट्रेनिंग पूरी हो चुकी है और अब दूसरे राउंड का प्रशिक्षण चल रहा है।

स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने शुक्रवार को इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (आईजीआईएमएस) में चार नई सेवाओं का शुभारंभ किया। इस दौरान उन्होंने ईएनटी विभाग में गूंगे और बहरे बच्चों के लिए कोकलियर इंप्लांट सेंटर, कैंसर मरीजों की सेकाई के लिए कोबाल्ट मशीन एवं इलेक्ट्रिक सब स्टेशन का उद्घाटन किया। साथ ही इंजीनियरिंग वर्क शाॅप सहित मेडिकल काॅलेज के नये भवन के दूसरे खंड कम्युनिटी मेडिसीन विभाग का भी उद्घाटन किया। इस अवसर पर आईजीआईएमएस के एन.आर. विश्वास भी मौजूद थे। 

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार जनता को बेहतर स्वास्थ्य सेवा देने के लिए लगातार प्रयासरत् है। सरकार नई तकनीक और नये उपकरण के जरिए राज्य की जनता का गंभीर से गंभीर और कठिन से कठिन इलाज मुहैया कराने की दिशा में आगे बढ़ रही है, ताकि लोगों को इलाज के लिए दूसरे राज्य नहीं जाना पड़े। मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री की सोच है कि राज्य की जनता को अपने राज्य में ही बेहतर चिकित्सा सुविधा मिले। 

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि गूंगा और बहरा बच्चा भी कोकलियर इंप्लांट के जरिए बोलेगा और सुनेगा। इससे बच्चे को नया जीवन मिलेगा। इसके लिए सरकार ढाई लाख तक की आय वाले परिवार को 5 लाख की सहायता राशि प्रदान करेगी, जिसमें इलाज के बाद तीन साल की ट्रेनिंग भी शामिल होगा। वहीं कोबाल्ट मशीन के रेनोवेशन हो जाने से एक दिन में एक सौ से अधिक मरीजों की सेकाई संभव है। 

मंगल पांडेय ने कहा कि पुराना मेडिकल काॅलेज भवन जल्द ही नये भवन में शिफ्ट हो जाएगा। मेडिकल काॅलेज का दूसरा भाग कम्युनिटी मेडिसीन विभाग शुक्रवार से काम करने लगेगा। पुराने भवन में आंतरिक पैसा खर्च करके 360 बेड का हॉस्पीटल बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में आईजीआईएमएस 2600 बेडों वाला अस्पताल होगा। अभी 860 बेड हैं, लेकिन 500 बेड के लिए टेंडर हो चुका है और 1200 बेड के लिए डीपीआर बनाने का काम किया जा रहा है। 


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