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सरकार ने हड़ताली शिक्षकों को दिया प्रलोभन तो शिक्षक संघों ने कहा-आपकी मंशा नही होगी कामयाब,शिक्षकों की एकता नही होगी खंडित

सरकार ने हड़ताली शिक्षकों को दिया प्रलोभन तो शिक्षक संघों ने कहा-आपकी मंशा नही होगी कामयाब,शिक्षकों की एकता नही होगी खंडित

Patna : पटना प्रमंडल माध्यमिक शिक्षक संघ ने सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है। संघ ने कहा है कि  सरकार अपने असंवैधानिक रूप से दमनात्मक कार्रवाई कर शिक्षकों की एकता खंडित नहीं कर सकी तो अब वह अपने अधिकारियों के द्वारा लगातार भ्रम और लालच का पासा फेंककर उनकी एकता को खंडित करने की साजिश रच रही है जो कभी पूरा नहीं होगा। 

शिक्षा विभाग के अधिकारियों द्वारा लॉकडाउन के समय में व्हाट्सएप पर ही योगदान करने के उस आदेश पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए संघ के सचिव ने चंद्र किशोर कुमार ने कहा है कि सरकार पहले हड़ताली शिक्षकों की मांगों को पूरा करे। उसका कोई भी प्रलोभन हड़ताली शिक्षकों की एकता को तोड़ नहीं सकती है।

उन्होंने कहा कि नियोजित शिक्षकों पर हो रहे शोषण, हकमारी और  नाइंसाफी के खिलाफ पिछले 25 फरवरी से सूबे के सभी माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत 40 हजार शिक्षक आंदोलनरत हैं तथा  विद्यालयों में पूर्ण तालाबंदी और तमाम शिक्षक अनिश्चितकालीन हड़ताल के साथ सभी सरकारी कार्यों में असहयोग कर रहे हैं। 

चंद्रकिशोर कुमार ने कहा कि इसी बीच कोरोना वायरस जैसे वैश्विक महामारी के कारण एक ओर जहां पूरे देश की जिंदगी ठहर गई है, वहीं राज्य सरकार द्वारा हड़ताली शिक्षकों पर बदस्तूर भय और आतंक के साथ दमनात्मक कार्रवाई करते हुए न केवल इन्हें निलंबित किया गया बल्कि प्राथमिकी दर्ज कराते हुए इनके द्वारा किए गए कार्य अवधि का वेतन ही रोक दिया गया। 

साथ ही साथ विभागीय पदाधिकारियों के द्वारा भी विभिन्न प्रकार से इन्हें परेशान और प्रताड़ित कर संघर्षरत शिक्षक साथियों की एकता को खंडित कर हड़ताल को कमजोर करने की वर्चस्ववादी साजिश लगातार जारी रखे हुए हैं।उन्होंने कहा कि बिहार के हड़ताली शिक्षक  मानवता की रक्षा और सेवा के लिए संकल्पित कोरोना वायरस जैसे वैश्विक आपदा पर जन जागरूकता तथा आर्थिक मदद देकर हड़ताल को मानवीय प्रतिमान से जोड़ने का काम कर रहे हैं। 

इन परिस्थितियों में हड़ताली शिक्षकों को उनकी वाजिब एवं न्यायोचित मांगों पर सरकार की अब तक की चुप्पी उसके अहंकार,  राष्ट्र निर्माताओं के प्रति उसके नकारात्मक भाव,दंभ में मदमस्त, अलोकतांत्रिक और अमानवीय  मानसिक संकीर्णता के न केवल अवसरवादी अवसाद को दर्शाता है। बल्कि राज्य के कुल आबादी के 80 प्रतिशत बच्चे जो इन सरकारी विद्यालयों में पढ़ते हैं उनके शिक्षा और बेहतर भविष्य के निर्माण के प्रति सरकार की गंभीरता और संवेदनशीलता को भी प्रदर्शित करता है। आज के इस पूंजीवादी दौर में वर्गीय शिक्षा का यही चरित्र है ।

चन्द्र किशोर कुमार ने कहा कि  हड़ताल को आज 37 दिन हो गए मगर सरकार के द्वारा किए गए तमाम साजिशों को शिक्षकों की अटल चट्टानी एकता  खंडित नहीं हुई है और न ही होनेवाली है।  हम सरकार को यह आगाह करा देना चाहते हैं कि वे तिकड़मी चाल व साजिश से बाज आए।सचिव ने कहा कि जब तक कि राज्य सरकार अपने सभी दंडात्मक कार्रवाई को वापस लेकर शिक्षकों की मांगों को पूरा नहीं करती है हड़ताल जारी रहेगा।

विवेकानंद की रिपोर्ट

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