NEW4NATION DESK : गुजरात से एक ऐसी खबर है जो आपको जरूरी पढ़ना चाहिए। यह खबर आपके इतिहास की जानकारी को समाप्त कर देने के लिए काफी है। दरअसल गुजरात स्टेट बोर्ड ऑफ स्कूल टेक्स्टबुक्स ने एक ऐसा कारनामा किया है जिसे लोग पचा नहीं पा रहे हैं। आइए जरा आप भी अपने इतिहास की जानकारी की पुख्ता कर लीजिए।
सीता का अपहरण किसने किया था? आपका क्या,सबका जवाब यही होगा कि सीता का अपहरण रावण ने किया था, लेकिन गुजरात में छपी 'इंट्रोडक्शन टु संस्कृत लिट्रेचर' में जो ज्ञान दिया गया है वो आपके अबतक की रामायण की पूरी जानकारी को धो डालने के लिए काफी है। मामला थोड़ा अटपटा है लेकिन गुजरात के 12 वीं क्लसा के संस्कृत के टेक्स्ट बुक में बच्चों को सीता का अपहरण करने वाले का नाम राणव नहीं राम बताया गया है।
इस बड़े बलंडर पर जब अधिकारियों से पूछा गया तो उनलोगों ने गलत अनुवाद का हवाला देकर अपना पल्ला झाड़ लिया। किताब 'इंट्रोडक्शन टु संस्कृत लिट्रेचर' किताब के पेज नंबर 106 पर लिखा गया है, 'यहां कवि ने अपनी मौलिक सोच और विचार से राम के चरित्र की बेहतरीन तस्वीर खींची है। राम द्वारा सीता का अपहरण कर लिए जाने के बाद लक्ष्मण द्वारा राम को दिए गए संदेश का दिल छू जाने वाला वर्णन किया गया है। राम के चरित्र का यहां जो कवि ने वर्णन किया है उसके लिए इतिहास इस कवि को माफ नहीं करेगा।
गुजराती टेक्सटबुक में छपे कालिदास के काव्य 'रघुवंशम' में यह बात सही छपी है। रिटायर्ड संस्कृत प्रोफेसर वसंत भट्ट कहते हैं कि यह तो सर्वज्ञात बात है कि सीता का अपहरण राम ने नहीं रावण ने किया था और 'रघुवंशम' में भी यही लिखा गया है। इस बारे में जब गुजरात स्टेट बोर्ड ऑफ स्कूल टेक्स्टबुक्स के एग्जिक्यूटिव प्रेजिडेंट डॉ. नितिन पेठानी से संपर्क किया गया तो पहले तो उन्हों इसके बारे में जानकारी होने से ही इनकार कर दिया था। हालांकि, बाद में उन्होंने गलती स्वीकार कर ली।
उन्होंने कहा कि अनुवाद में यह गलती हुई है, जिसमें रावण की जगह राम लिख दिया गया। गुजराती टेक्स्टबुक में ऐसी कोई गलती नहीं है।