Hallmarking: आने वाले कुछ महीनों में भारत में नौ कैरेट सोने के गहनों की हॉलमार्किंग को अनिवार्य करने की तैयारी चल रही है। भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) इस संबंध में सभी आवश्यक कदम उठा रहा है। इस निर्णय का उद्देश्य उपभोक्ताओं को नकली सोने के गहनों से बचाना है।
बीआईएस के क्षेत्रीय कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, नौ कैरेट सोने के गहनों की हॉलमार्किंग को अनिवार्य करने से पहले बाजार के सभी ज्वेलर्स और संघों के साथ कई बैठकें की जा चुकी हैं। जल्द ही नौ कैरेट सोने के गहनों की शुद्धता की जांच की जाएगी और ग्राहकों को प्रमाण पत्र दिया जाएगा। बीआईएस के क्षेत्रीय निदेशक एसके गुप्ता ने बताया कि फिलहाल 24 कैरेट, 22 कैरेट, 18 कैरेट और 14 कैरेट सोने के गहनों पर हॉलमार्किंग अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि हॉलमार्किंग अनिवार्य होने के बाद लोगों में हॉलमार्क वाले गहनों के प्रति जागरूकता बढ़ी है और इसकी मांग भी बढ़ी है।
आभूषण व्यापारियों का मानना है कि सोने की कीमतों में लगातार हो रही बढ़ोतरी की वजह से 14 कैरेट और 18 कैरेट सोने के आभूषणों की मांग में काफी इजाफा हुआ है। हालांकि, अभी भी ज्यादातर लोग 22 कैरेट सोने के आभूषणों को ही प्राथमिकता देते हैं। ब्रांडेड कंपनियां 14 कैरेट सोने के आभूषण बाजार में उतार रही हैं। बीआईएस के आंकड़ों के मुताबिक, 14 कैरेट सोने के आभूषणों की हॉलमार्किंग करीब 28 फीसदी होती है, जबकि 22 कैरेट सोने के आभूषणों की हॉलमार्किंग 80 फीसदी होती है। ऐसे में नौ कैरेट सोने के आभूषणों की हॉलमार्किंग अनिवार्य करना उचित नहीं है।
एक नजर में सोने की शुद्धता:
- 24 कैरेट: 99.99%
- 22 कैरेट: 91.60%
- 18 कैरेट: 75.00%
- 14 कैरेट: 58.50%
- 9 कैरेट: 37.50%
क्या है हॉलमार्किंग?
हॉलमार्किंग सोने की शुद्धता को प्रमाणित करने की एक प्रक्रिया है। यह सुनिश्चित करता है कि ग्राहक को शुद्ध सोने का गहना मिल रहा है।