MADHUBANI: कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए जारी लॉकडाउन ने लोगों की जिंदगी ही बदल दी है. कहीं पढ़ाई ऑनलाइन हो रही हैं तो कहीं शादियां. इसी बीच मधुबनी जिले से एक अनोखी खबर आ रही है जो बताती है कि कैसे इस महामारी ने समाजिकता के नियमों पर असर डाला है. मधुबनी के झंझारपुर में मृतात्मा की शांति के लिए श्राद्ध के बाद लॉकडाउन के कारण सामूहिक भोज नहीं दिया जा सका. तब स्वजनों ने आमंत्रित लोगों के घरों तक भोजन पहुंचा दिया. वहीं इस प्रक्रिया के दौरान फिजिकल डिस्टेंसिंग के साथ-साथ स्वच्छता का भी पूरा ध्यान रखा गया.
लॉकडाउन में पिता के श्राद्धभोज के लिए निकाला रास्ता
मिली जानकारी के अनुसार झंझारपुर प्रखंड के बेलराही गांव निवासी कमलेश ठाकुर के पिता का बीते दिनों निधन हो गया. लॉकडाउन के चलते अंतिम संस्कार में गिनती के लोग ही जा सके. आगे श्राद्ध कर्म के बाद सामूहिक भोज कराने की इच्छा थी, जिसे पूरा करने के लिए यह रास्ता निकाला गया.
लोगों के घरों में ही पहंचा दिया श्राद्धभोज
कमलेश ठाकुर ने कहा कि लॉकडाउन व फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए श्राद्ध का भोज देना था. लोगों को बुलाना संभव नहीं था. इसलिए परिवार ने फैसला किया कि भोजन सामग्री बनाकर सभी के घरों में पहुंचा दी जाए. ताकि भीड़ नहीं लगे और फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन हो सके.
कर्म कांड के दौरान भी फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन
श्राद्ध भोज के पहले कर्म कांड के दौरान भी फिजिकल डिस्टेंसिंग के नियम का पालन किया गया। पंडित और नाई सहित कर्मकांड में शामिल सभी लोगों को पहले सैनिटाइजेशन की प्रक्रिया से भी गुजरना पड़ा. फिर, मास्क लगाकर कर्मकांड किया गया. इस श्राद्ध की खास बात यह रही कि गंदगी नहीं फैली. कोरोना काल से पहले ऐसे भोज के बाद कचरे का अंबार लग जाता था, लेकिन भोजन की होम डिलेवरी से गंदगी नहीं फैली.