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बिहार में रबी फसल के बीजों की हो रही है होम डिलीवरी : अमरेन्द्र प्रताप सिंह

बिहार में रबी फसल के बीजों की हो रही है होम डिलीवरी : अमरेन्द्र प्रताप सिंह

PATNA : बिहार सरकार के कृषि मंत्री अमरेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि खरीफ मौसम समाप्त हो रहा है एवं रबी मौसम की शुरूआत हो गई है। राज्य में दलहन एवं तेलहनी फसलों की बोआई चल रही है। साथ ही, अब गेहूँ फसल की बोआई भी आरम्भ होने वाली है। राज्य में इस खरीफ मौसम में करीब सभी नक्षत्रों में अच्छी वर्षा हुई है, जिससे रबी फसलों के लिए खेतों में पर्याप्त नमी मौजूद है। ऐसी स्थिति में रबी फसल का उत्पादन अच्छा होने की सम्भावना है। उन्होंने कहा कि राज्य में रबी फसलों के बीज पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है एवं विभाग द्वारा विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत किसानों को अनुदानित दर पर बीज उपलब्ध भी कराया जा रहा है। विभाग द्वारा इच्छुक किसानों को रबी फसलों के बीज का होम डिलिवरी भी किया जा रहा है। इसी प्रकार, रबी फसलों के लिए विभिन्न प्रकार के उर्वरक भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है।  

मंत्री ने कहा कि इस वर्ष रबी मौसम 2021-22 में कृषि विभाग द्वारा आधुनिक प्रभेदों के प्रमाणित बीज को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न योजनाओं के माध्यम से 3.03 लाख क्विंटल गेंहूँ का बीज, 37339 क्विंटल चना का बीज, 29153 क्विंटल मसूर का बीज, 3252 क्विंटल सरसों का बीज किसानों को उपलब्ध कराया जायेगा। साथ ही, इस वर्ष दलहन एवं तेलहन की मिनी किट की विशेष योजना कार्यान्वित की जायेगी, जिसके तहत किसानों को 80 प्रतिशत अनुदान पर बीज उपलब्ध कराया जायेगा। उन्होंने कहा कि अभी तक राज्य में 89,566 किसानों के बीच 21,210 क्विंटल विभिन्न रबी फसलों के बीज का वितरण किया गया है। 26,899 किसानों के बीच 2,223 क्विंटल मसूर का बीज, 35,221 किसानों के बीच 5,283 क्विंटल चना का बीज तथा 8,397 किसानों के बीच 188.21 क्विंटल राई/सरसों का बीज वितरित किया गया है। उन्होंने कहा कि 17,118 किसानों को 20,839 क्विंटल रबी फसलों के बीज का होम डिलिवरी भी किया गया है। बीज वितरण का कार्य निर्वाध गति से जारी है। 

उन्होंने कहा कि एस॰एस॰पी॰, डी॰ए॰पी॰ से सस्ता एवं अधिक फायदेमंद उर्वरक है। एस॰एस॰पी॰ एक फाॅस्फोरसयुक्त उर्वरक है, जिसमें 16 प्रतिशत फाॅस्फोरस एवं 11 प्रतिशत सल्फर की मात्रा पाई जाती है। सल्फर रहने के कारण यह उर्वरक तेलहनी एवं दलहनी फसलों के लिए अन्य उर्वरकों की अपेक्षाकृत अधिक लाभदायक है। जबकि डी॰ए॰पी॰ में केवल 18 प्रतिशन नेत्रजन एवं 46 प्रतिशत फाॅस्फोरस उपलब्ध है। इसलिए किसानों से अपील है कि डी॰ए॰पी॰ के बदले एस॰एस॰पी॰ उर्वरक का उपयोग करें। 

सिंह ने कहा कि कृषि रोड मैप के तहत् निर्धारित लक्ष्यों के अनुरूप बड़े पैमाने पर योजनाएँ क्रियान्वित की गई है, जिससे राज्य में विशेषकर गेहूँ, धान एवं मक्का के बीज प्रतिस्थापन दर में प्रतिवर्ष निर्धारित लक्ष्य से अधिक हासिल किया गया है। दलहन एवं तेलहन फसलों के बीज प्रतिस्थापन दर अभी भी कम है, इसलिए रबी 2021-22 के लिए राज्य सरकार द्वारा 50 करोड़ के ज्यादा लागत से दलहन एवं तेलहन की मिनीकीट योजना की स्वीकृति दी गई है। उन्होंने सभी जिला कृषि पदाधिकारी एवं बिहार राज्य बीज निगम को यह निदेष दिया कि विषेष अभियान चलाकर सही समय पर उच्च गुणवत्ता के बीज किसानों को होम डिलीवरी एवं सामान्य तरीके से आपूत्र्ति की जाये। उन्होंने उर्वरक पर सरकार के जीरो टाॅलरेंस नीेति, प्रबंधन तंत्र तथा उर्वरकों के विभिन्न विकल्पों के बारे में किसानों को जागरूक करने के लिए जिला कृषि पदाधिकारी को निदेष दिया। साथ ही, किसानों के सभी प्रकार के शिकायत निवारण समय पर करने का भी निर्देश दिया।

पटना से वंदना शर्मा की रिपोर्ट

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