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डीटीओ-एमवीआई की गुंडागर्दी ! RTI से जानकारी मांगना 'वकील' को पड़ा महंगा, DTO ने कमरा बंद कर पिटवाया...MVI वीडियो कॉल पर लाइव देखते रहे, केस दर्ज कराने में पीड़ित को लगे 6 महीने

डीटीओ-एमवीआई की गुंडागर्दी ! RTI से जानकारी मांगना 'वकील' को पड़ा महंगा, DTO ने कमरा बंद कर पिटवाया...MVI वीडियो कॉल पर लाइव देखते रहे, केस दर्ज कराने में पीड़ित को लगे 6 महीने

PATNA:  बिहार के सरकारी दफ्तरों में भ्रष्टाचार सिर चढ़कर बोल रहा है. सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगना आग से खेलने के समान है. अगर आपने आरटीआई से जानकारी मांगी तो जान भी जा सकती है. दबंगों द्वारा पिटाई करना, गलत केसों में फंसाने की बात तो अब आम हो गई है. जरा देखिए न...एक वकील को सूचना के अधिकार के तहत डीटीओ कार्यालय से जानकारी मांगना गले की फांस बन गया. आरोप है कि डीटीओ ने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर आवेदक की जमकर पिटाई की. हद तो तब हो गई जब पीड़ित शख्स को केस दर्ज कराने के लिए भी लंबी लड़ाई लड़नी पड़ी. छह माह बाद आरोपी डीटीओ-एमवीआई के खिलाफ केस दर्ज हुआ. मामला दरभंगा जिले से जुड़ा है जहां के तत्कालीन डीटीओ राजेश कुमार, एमवीआई रंजीत कुमार समेत अन्य कर्मियों के खिलाफ आरटीआई एक्टिविस्ट सह वकील की पिटाई करने के मामले में गंभीर धाराओं में केस दर्ज हुआ. बड़ा सवाल यही है कि सरकार ने आमलोगों को यह कैसा अधिकार दिया है,जिसका इस्तेमाल करने से अधिकारी पिटाई करते हैं ? 

आरटीआई से सूचना मांगने पर होती है पिटाई...

दरभंगा के एक आरटीआई एक्टिविस्ट और दरभंगा जिला न्यायालय के वकील राशिद खान ने 14 फरवरी 2023 को डीटीओ कार्यालय दरभंगा से सूचना मांगी थी. जिसमें ड्राइविंग ट्रायल टेस्टिंग ट्रैक पर अधिकारी-कर्मचारी की उपस्थिति में आवेदक का टेस्ट लेने, ट्रायल देने का अवसर के संबंध में जानकारी मांगी थी. साथ ही जिला परिवहन कार्यालय दरभंगा को बाहरी लोगों से तत्काल मुक्ति के संबंध में जानकारी मांगी गई थी. लेकिन डीटीओ कार्यालय की तरफ से कोई जानकारी नहीं दी गई. इसके बाद आवेदक राशिद खान ने सूचना के लिए ने अपीलीय प्राधिकार में अपील किया. प्राधिकार ने डीटीओ को सूचना देने का आदेश दिया था. इसके बाद 25 मई को आवेदक को डीटीओ साहब के कक्ष में बुलाया गया. वहां जाने के बाद गेट का दरवाजा बंद कर दिया गया. दरभंगा के लहेरिया सराय थाने में दर्ज केस में पीड़ित आवेदक ने कहा है कि डीटीओ के आदेश पर मोबाइल छीन लिया गया. इसके बाद कई सिपाहियों ने मारना शुरू किया. पिटाई से आरटीआई एक्टिविस्ट बेहोश हो गया. दर्ज एफआईआर में कहा गया है कि डीटीओ और सिपाही ने मिलकर पिटाई की और मोटरयान निरीक्षक(MVI) रंजीत कुमार वीडियो कॉलिंग से सब कुछ देख रहे थे. एमवीआई बोल रहे थे कि और मारो और मारो. वह मॉब लिंचिंग करने की बात कह रहे थे. हालांकि कुछ कार्यालय कर्मी ने ऐसा करने से मना किया. बंदूक के कुंदा से इतना पीटा गया कि वे बेहोश हो गए। 

पिछले महीने ही डीटीओ-एमवीआई के खिलाफ दर्ज हुआ है केस 

आरटीआई एक्टिविस्ट और दरभंगा जिला न्यायालय के वकील राशिद खान के साथ डीटीओ कार्यालय में यह घटना मई 2023 में घटी.इन्होंने घटना की जानकारी अधिकारियों को दी. लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। केस दर्ज कराने को लेकर लड़ाई लगी. इसके बाद 2 नवंबर 2023 को पीड़ित केस दर्ज कराने में सफळ हुआ.
दरभंगा के लहरिया सराय थाना की पुलिस ने तत्कालीन डीटीओ राजेश कुमार, तत्कालीन एमवीआई रंजीत कुमार के साथ-साथ चलंत दस्त के सिपाहियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 323, 342, 120 बी व अन्य गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया गया. केस दर्ज करने के बाद पुलिस अन्य केसों के की तरह इसमें भी जांच शुरू की जो आज भी जांच में है.

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