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पीएचडी स्टूडेंट्स के सामने भारी परेशानी: दूसरे राज्यों की तरह बिहार में भी हर महीने 'स्टाईपेंड' देने की उठी मांग

पीएचडी स्टूडेंट्स के सामने भारी परेशानी: दूसरे राज्यों की तरह बिहार में भी हर महीने 'स्टाईपेंड' देने की उठी मांग

PATNA: नौकरी करते हुए अब पीएचडी नहीं कर सकेंगे. ऐसा करने के लिए उन्हें नौकरी से अवकाश लेना होगा. बिहार के विश्वविद्यालय भी अब इसको लेकर सख्ती बरत रहे हैं. पीएचडी की डिग्री लेने के लिए नौकरी से अवकाश लेने की वजह स्कॉलरों के सामने बड़ी आर्थिक कठिनाई उत्पन्न हो गई है। एक तो नौकरी से अवकाश और दूसरी तरफ यूनिवर्सिटी की तरफ से कोई मानदेय नहीं मिलना। लिहाजा बिहार के विवि से पीएचडी की डिग्री लेने वाले छात्रों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। छात्रों ने इस संबंध में पटना विवि के वीसी को पत्र सौंप हर महीने 10-12 हजार रू स्टाईपेंड देने की मांग की है।    

बंगाल व केंद्रीय विवि में मानदेय की व्यवस्था

पश्चिम बंगाल सरकार व सेंट्रल विश्वविद्यालय पीएचडी स्कॉलर को मानदेय देती है. लेकिन बिहार में इस तरह की कोई व्यवस्था नहीं है. लिहाजा पीएचडी करने वालों के लिए बड़ी चुनौती हो गई है। बिहार में भी अब स्टाइपेंड देने की मांग जोर पकड़ रही है.  पीएचडी स्टूडेंड्स ने मांग के समर्थन में आवाज बुलंद किया है। छात्रों ने मांग किया है कि NET और PAT क्वालिफाइड स्टूडेंट्स को मानदेय की व्यवस्था की जाए .

हर महीने 10-12 हजार रू देने की मांग

पीएचडी स्टूडेंट्स का समूह ने पटना विश्वविद्यालय के वीसी को पत्र दिया है और NET एंड PAT क्वालिफाइड स्टूडेंट्स को स्टाईपेंड देने की मांग की है. आयुष कृति,कृतिका,लेखराज,रमेश,अमब्या, स्वर्णलता एवं अन्य छात्रों ने वीसी को सौंपे पत्र में कहा है कि नए गाइडलाइन में पीएचडी कोर्स कर रहे स्टूडेंट्स को जॉब से छुट्टी लेनी है. नये प्रावधान में जॉब में रहते हुए पीएचडी की डिग्री नहीं ले सकते. इसके लिए 3 से 5 साल तक बिना किसी आर्थिक मदद के रहना पड़ेगा. ऐसे में यूनिवर्सिटी प्रशासन पीएचडी कर रहे छात्रों की मदद करे. अगर यूनिवर्सिटी प्रति छात्र 10 से 12 हजार रू प्रति महीने स्टाइपेंड की व्यवस्था करे तो इससे छात्रों का आर्थिक रूप से काफी सहूलियत होगी.

मांग का राजद ने भी किया समर्थन

पीएचडी छात्रों की इस मांग का विपक्षी दल राजद ने भी समर्थन किया है। राजद के प्रदेश प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा है कि जब दूसरे राज्यों में इस तरह की व्यवस्था है तो फिर बिहार में क्यों नहीं ? राजद ने बिहार में भी पीएचडी छात्रों को स्टाईपेंड देने की मांग की है। 



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