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आहार और योग के साथ हाइपोथायरायडिज्म यानी थायराइड से हो सकता है बचाव, खाने में आज हीं शामिल करें ये फल और सब्जी

आहार और योग के साथ हाइपोथायरायडिज्म यानी थायराइड से हो सकता है बचाव, खाने में आज हीं शामिल करें ये फल और सब्जी

दिल्ली:  थायराइड का रोग तेजी से बिहार में पांव फैला रहा है. थायराइड विकार से लगभग 42  करोड़ भारतीय प्रभावित हैं. हाइपोथायरायडिज्म तब शुरु होता है जब थायरॉयड ग्रंथि पर्याप्त मात्रा में थायराइड हार्मोन का उत्पादन नहीं कर पाता है, यह शरीर के चयापचय का एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.

थायराइड हार्मोन की कमी ऊर्जा स्तर, वजन और पूरे स्वास्थ्य पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकती है. आहार विहार में परिवर्तन कर ऱससे बचा जा सकता है. ऐसा एक भी खाद्य पदर्थ नहीं है जो चमत्कारिक रूप से थायराइड हार्मोन के स्तर को बढ़ाता हो. थायराइड हार्मोन की  कमी को दूर करने के लिए आयोडीन युक्त नमक, डेयरी उत्पाद, समुद्री भोजन, समुद्री शैवाल और फोर्टिफाइड अनाज जैसे आहार स्रोतों को शामिल कर इससे बचा जा सकता है. आयोडीन शरीर में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है क्योंकि यह थायराइड हार्मोन का एक मूलभूत घटक है. जिन व्यक्तियों में थायराइड हार्मोन की कमी होती है, वे अक्सर आयोडीन की कमी से संबंधित होते हैं. आयोडीन की अनुशंसित दैनिक मात्रा, जो कि 150 माइक्रोग्राम  है, को पूरा करने के लिए एक चम्मच आयोडीन युक्त नमक में पाई जाने वाली आधी से भी कम मात्रा की आवश्यकता होती है. 

पर्याप्त विटामिन डी का सेवन कना जरुरी हो जाता है.धूप के संपर्क में आने से शरीर में विटामिन डी का उत्पादन होता है. इसकी कमी से जुड़ी बीमारियों, जैसे हड्डियों की हानि और विकृतियों को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है. अपने आहार में विटामिन डी युक्त खाद्य पदार्थ जैसे पनीर, मशरूम, विटामिन-डी युक्त फोर्टिफाइड खाद्य पदार्थ जैसे फोर्टिफाइड दूध, फोर्टिफाइड अनाज, अंडे शामिल करें। , जंगली पकड़ी गई सैल्मन जैसी वसायुक्त मछली, और ग्रीक दही जैसे डेयरी उत्पाद, आपके विटामिन डी के स्तर को बढ़ाने और हाइपोथायरायडिज्म के खिलाफ लड़ाई में कारगर साबित हो सकते हैं.

हाइपोथायरायडिज्म को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें.  कमियों को दूर करने के लिए अनाज और डेयरी उत्पाद, मछली, समुद्री भोजन, दूध, नट्स, समुद्री नमक, अंडे, खमीर, ब्रेड, मशरूम, लहसुन, शतावरी, कोहलबी और प्याज जैसे सेलेनियम युक्त खाद्य पदार्थों को अपने आहार में शामिल करना अनिवार्य हो जाता है. विशेष रूप से हाइपोथायरायडिज्म से पीड़ित लोगों मे.

फलों और सब्जियों में प्रचुर मात्रा में मौजूद ये रोग-विरोधी यौगिक सक्रिय रूप से ऑक्सीडेटिव तनाव से लड़ते हैं.  अपने आहार में जामुन, नट्स, बीज और गहरे हरे रंग की पत्तेदार सब्जियां, जिनमें सहजन की पत्तियां, पालक और केल शामिल हैं, जैसे सुपरफूड को शामिल करके अपने एंटीऑक्सीडेंट का सेवन बढ़ाएं.

हाइपोथायरायडिज्म से लड़ने में  योग कारगर हथियार है. अपने दैनिक जीवन में योग को शामिल कर हम कई बीमारियों से बच सकते है. 

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