PATNA : अगर भाजपा की मांग को मैं मान जाता तो शायद आज भी बिहार सरकार में मंत्री होता, लेकिन मैनें उनकी बात नहीं मानी, जिसके कारण आज मैं यहां हूं। यह कहना वीआईपी प्रमुख और बिहार सरकार के पूर्व मंत्री मुकेश सहनी का। हाल में ही झारखंड में पार्टी का विस्तार कर लौटे मुकेश सहनी ने कहा कि भाजपा वाले चाहते थे कि मैं अपनी पार्टी का विलय कर लूं। लेकिन मैंने उनकी बात को मानने से मना कर दिया। निषाद समाज जैसे पिछड़ी जातियो की मेहनत से खड़ी पार्टी को यूं खत्म होने देना मुझे गंवारा नहीं था।
विधायकों को खरीदने का लगाया आरोप
भाजपा को लेकर मुकेश सहनी की नाराजगी एक बार फिर सामने आ गई। उन्होंने कहा कि जिनके वोटों की बदौलत नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री बने हैं। उसी पार्टी के विधायकों को भाजपा ने पैसे से खरीद लिया। मुकेश सहनी ने कहा आज हमारी पार्टी पूरे बिहार में खुद को मजबूत करने की कोशिश में जुटी है। ताकि वक्त आने पर हम भाजपा को कड़ी चुनौती दे सकें। उन्होंने कहा कि यह लड़ाई बहुत लंबी चलनेवाली है और हमारी पार्टी इसके लिए पूरी तरह से तैयार है।
लालू और रामविलास जैसा बनने की चाहत
सीवान में मीडियाकर्मियों से बातचीत के दौरान मुकेश सहनी ने बताया कि वह लालू प्रसाद और राम विलास पासवान की तरह बनना चाहते हैं। जिस तरह से उन्होंने संघर्ष करने गरीबों की लड़ाई लड़ी, उसी तरह हम भी गरीबों की लड़ाई लड़ेंगे। इस दौरान मुकेश सहनी ने बोचहां विधानसभा उप चुनाव का उदाहरण देते हुए कहा कि यहा एनडीए ने पूरी ताकत लगाने के बाद भी सिर्फ 45 हजार वोटों पर सिमट गई थी,जबकि मेरी पार्टी अकेली थी, मुझे 30 हजार वोट मिले। अंत में बीजेपी 37 हजार वोटों से हार गई। जाहिर है कि पिछड़ा समाज हमारी तरफ उम्मीद की नजर से देख रहा है।