डायबटीज और पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम(PCOS) के बीच रिलेशन होता है। PCOS और PCOD के कारण लोगों को डायबटीज भी हो सकती है। ये दोनों ऐसी स्वास्थ्य स्थितियां हैं, जो एक संबंध साझा करती हैं। ये दोनों में अक्सर इंसुलिन से संबंधित समस्याएं शामिल होती हैं। जैसे अगर शरीर इंसुलिन का प्रभावी ढंग से उपयोग नहीं कर पाता है तो इससे ब्लड शुगर का लेवल बढ़ जाता है। पूरी जानकारी यहां पढ़ें...
PCOS एक प्रचलित बीमारी है, जो ओवरी पर छोटे सिस्ट के गठन की विशेषता है। ये ओव्यूलेशन को बाधित कर सकती है। पीरियर्ड को भी प्रभावित कर सकती है। फर्टिलीटी को प्रभावित कर सकती है। पीसीओएस वाले व्यक्ति अक्सर इंसुलिन प्रतिरोध का अनुभव करते हैं, जिसका अर्थ है कि उनका शरीर इंसुलिन का उत्पादन करता है, जो रक्त शर्करा को विनियमित करने के लिए आवश्यक हार्मोन हैं, लेकिन इसका प्रभावी ढंग से उपयोग नहीं कर पाता है।
मोटापा से हो सकता है डायबिटीज
PCOS और PCOD की कई महिलाएं मोटापा का भी शिकार हो जाती हैं। वहीं, मोटापा भी डायबीटिज का एक बड़ा कारण बन जाता है। इसके लक्ष्ण में बार-बार प्यास लगना, पेशाब आना, थकान महसूस होना, वजन बढ़ना, धुंधला दिखाई देना, घाव भरने में देरी होना है।
डाइट में ये करें शामिल
अगर इन बीमारियों से बचना चाहते हैं तो इसके लिए सबसे पहले आपको अपने डाइट को चेंज करना होगा। अपने खानपान को बदलना होगा। इसके साथ ही अपनी रूटिंग को भी चेंज करना होगा। इससे बचने के लिए संतुलित अहार लेना चाहिए। जिसमें फाइबर, प्रोटीन, और स्वास्थ व्यसा शामिल हो।