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IGIMS निदेशक का डेपुटेशन 22 फऱवरी को हो रहा खत्म, अब सेवा विस्तार की संभावना नहीं..AIIMS ने पत्र भेज दी ये सलाह

IGIMS निदेशक का डेपुटेशन 22 फऱवरी को हो रहा खत्म, अब सेवा विस्तार की संभावना नहीं..AIIMS ने पत्र भेज दी ये सलाह

PATNA: आईजीआईएमएस पटना के निदेशक डॉ एन.आर. विश्वास की प्रतिनियुक्ति अवधि खत्म हो रही है। इसके बाद एम्स दिल्ली ने पत्र भेजा है। एम्स की तरफ से 24 जनवरी को डॉ. एन आर विश्वास जो फार्माकोलॉजी विभाग में प्रोफेसर हैं को पत्र लिखकर जानकारी दी है। सीनियर प्रशासनिक अधिकारी बी.एस. गिल की तरफ से यह पत्र जारी किया गया है. पत्र के बाद अब एन.आर. विश्वास की बिहार में प्रतिनियुक्ति अवधि विस्तार की संभावना नहीं दिख रही। 

24 जनवरी को एम्स ने भेजा है पत्र

एम्स के पत्र में कहा गया है कि डॉ. एन. आर. विश्वास वर्तमान में डेपुटेशन पर आईजीआईएमएस पटना में निदेशक के पद पर कार्यरत हैं. उनका डेपुटेशन 26 फरवरी 2022 को समाप्त हो रहा है. वहीं वह 31 मई 2022 को सेवा से रिटायर होंगे. इसलिए उन्हें नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट प्राप्त करना है. ऐसे में डॉ. एन. आर. विश्वास को सलाह दी जाती है कि वे अपना चार्ज 31 मई 2020 की दोपहर दे दें। साथ ही इसकी रिपोर्ट नो डिमांड सर्टिफिकेट के साथ जमा करें। एन.आर विश्वास को सलाह दी जाती है कि वे अपना  पहचान पत्र भी जमा कर दें.

एनआर विश्वास मई में AIIMS प्रोफेसर पद से होंगे रिटायर

कई तरह के सवालों में घिरे IGIMS के निदेशक को दिल्ली AIIMS में 26 फरवरी के बाद योगदान देना ही होगा. वे वहीं से 31 मई को रिटायर होंगे। उल्लेखनीय कि डॉ. आर. एन. विश्वास दिल्ली AIIMS में कार्यरत हैं और डेपुटेशन पर 2014 में  IGIMS में 3 सालों के लिये आये थे। इसके बाद सरकार ने उनका कार्यकाल बढ़ा दिया था। इस तरह से अब वे 26 फऱवरी 2022 तक पटना आईजीआईएमएस के निदेशख के पद पर रहेंगे। हालांकि इसके बाद डॉ. विश्वास को एम्स दिल्ली में योगदान देना होगा। 

बता दें, इनके कार्यकाल में आईजीआईएमएस में कई तरह के विवाद भी देखने को मिला। डॉक्टरों की नियुक्ति में जिस कैंडिडेट को IGIMS ने 62 नंबर देकर टॉप किया था उसे पटना हाईकोर्ट ने अवैध करार दिया है। हाईकोर्ट ने संबंधित कैंडिडेट को 46 नंबर बताया है। पटना हाईकोर्ट ने इस मामले में टॉप पर रहने वाले डॉक्टर कुमार चंदन की नियुक्ति को अवैध बताते हुए वाद दाखिल करने वाले डॉ. पवन का अप्वाइंटमेंट करने का आदेश दिया है। डॉ. कुमार चंदन की नियुक्ति में धांधली के इस मामले में हाईकोर्ट के फैसले से फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ. इसके अलावे कई अन्य गंभीर आरोप लगे हैं। 


 

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