PATNA: पटना हाईकोर्ट ने राज्य में करोना महामारी के मामले पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को दोबारा हलफनामा दायर करने के लिए कहा है। राज्य सरकार द्वारा पेश किए गए हलफनामे से हाईकोर्ट जरा भी संतुष्ट नहीं दिखी और सरकार खुद अपने हलफनामे पर कुछ कह ना सकी। फिलहाल हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को 30 जुलाई तक का समय दिया है। चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने शिवानी कौशिक व अन्य की जनहित याचिकाओं पर सुनवाई की।
बता दें, पटना हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के हलफनामे पर काफी असंतोष व्यक्त किया। हाईकोर्ट ने जानना चाहा कि राज्य में अबतक टीकाकरण की जो रफ्तार है, उसमें कितनों को दोनों डोज पड़े हैं, यह हलफनामे में नहीं बताया गया। साथ ही राज्य में कितने कोरोना संक्रमित हैं, इसकी भी पूरी जानकारी नहीं दी गई है। इसपर कहा गया कि राज्य में अभी कोरोना जांच काफी कम हो रही है, तो ऐसे में पॉजिटिव मरीजों की वास्तविक संख्या कैसे प्राप्त हो सकती हैं। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को जिलावार ब्यौरा मांगा था कि हर जिले में ऑक्सीजन समेत कितने बेड उपलब्ध हैं। साथ ही हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को यह भी बताने को कहा था कि करोना महामारी की संभावित तीसरी लहर को नियंत्रित करने के लिए क्या कार्रवाई की जा रही है। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को बताने को कहा कि राज्य के पास वैक्सीन पूरी है, या केंद्र सरकार से और मांगने की जरूरत है। साथ ही कोर्ट ने राज्य सरकार को हिदायत दी कि करोना की संभावित तीसरी लहर के मद्देनजर मास्क पहनने और सोशल डिस्टेंसिग का सख्ती से पालन कराए।
पिछली सुनवाई में हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को यह बताने को कहा कि राज्य में वैक्सीनेशन देने की क्या स्थिति है? साथ ही अभी राज्य में कोरोना के कितने पॉजिटिव मरीज हैं? इन सभी मुद्दों पर राज्य सरकार को अगली सुनवाई में पूरा ब्यौरा पेश करने का निर्देश दिया गया था। साथ ही हाईकोर्ट ने पिछली सुनवाई में ESIC मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में डॉक्टर, नर्स, वार्ड बॉय, सिक्योरिटी गार्ड आदि रिक्त पड़े पदों को भरने के लिए की गई कार्रवाई का ब्यौरा मांगा था। कोर्ट ने इस संबंध में राज्य सरकार को भी स्थिति स्पष्ट करने का निर्देश दिया था। हालांकि आज जो हलफनामा दायर किया गया था, उसे कोर्ट ने असंतोषजनक करार देते हुए फिर से विस्तृत जानकारी हलफनामा दायर कर देने का निर्देश दिया। इस मामले पर अगली सुनवाई 30 जुलाई को की जाएगी।