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खुफिया एजेंसियों ने किया अलर्ट, आतंकियों के निशाने पर दिल्ली की चुनावी सभाएं और कई बड़े नेता

खुफिया एजेंसियों  ने किया अलर्ट, आतंकियों के निशाने पर दिल्ली की चुनावी सभाएं और कई बड़े नेता

NEWS4NATION DESK : दिल्ली में चुनावी सभाएं आतंकियों का निशाना बन सकती हैं। आतंकियों के निशाने पर कई बड़े नेताओं के साथ अलग-अलग पार्टियों के स्टार प्रचारक और सेलिब्रिटी भी हो सकते हैं। खुफिया एजेंसियों ने इस बावत पुलिस को अलर्ट किया है।  

खुफिया एजेंसियों की तरफ से आगाह किया गया है कि सुरक्षा में एक छोटी सी भूल भी किसी बड़े साजिश को अंजाम दे सकती है। चुनाव को लेकर देश की सभी राजनीतिक पार्टियों के कद्दावर नेताओं की चुनावी सभाओं की तैयारी शुरू हो चुकी हैं। ऐसे में दिल्ली की तीनों बड़ी पार्टियों के टॉप नेताओं की सुरक्षा सभाओं को शेड्यूल और फोर्स के हिसाब से रिव्यू जाएगा। पीएम, गृह मंत्री, रक्षा मंत्री और आरएसएस के नेताओं पर पहले से खतरा है।

खुफिया ऐजेंसियों के इनपुट ने दिल्ली पुलिस की बेचैनी बढ़ा दी है। गणतंत्र दिवस को लेकर राजधानी में पहले से ही हाई अलर्ट है, लेकिन 8 फरवरी तक आतंकी खतरे को लेकर अलर्ट कायम है। 

आइबी की रिपोर्ट में कहा गया है कि आतंकवादी संगठन हमलों के लिए कोई नई तरकीब का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। पुलिस को कहा गया है कि चुनावी सभाओं में सुरक्षा को लेकर किसी भी कमी को नजरअंदाज नहीं किया जाए। स्थानीय स्तर पर सभी खुफिया रिपोर्ट्स पर गंभीरता से पड़ताल की जाए। सुरक्षा इंतजाम में कमी मिलने पर अंतिम समय में भी ऐसी चुनावी सभाओं को निरस्त किया जा सकता है। बड़े राजनेताओं के रोड शो के दौरान भी हमले का खतरा है।
 
 दिल्ली पुलिस के अफसर के मुताबिक, डीसीपी के जरिए सभी थानों को इस संबंध में सूचित किया जा चुका है। हालांकि दिल्ली में अबतक हुए चुनाव में कभी भी आतंकी हमले की आशंका नहीं थी। यह पहला चुनाव होगा, जिसमें आतंकी संगठनों की साजिश का खतरा मंडरा रहा है। पुलिस ने इसे गंभीरता से इसलिए भी लिया है, क्योंकि पिछले हफ्ते ही दक्षिण भारत के आईएस मॉड्यूल के संदिग्ध आतंकियों की दिल्ली में मौजूदगी और फिर गिरफ्तारी के बाद कई खुलासे हुए हैं। आईएस के खतरे को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। 

वहीं, रोहिंग्या और बांग्लादेशी नई चुनौती के तौर पर उभर रहे हैं। दिल्ली में सीएए को लेकर रोजाना प्रोटेस्ट चल रहे हैं। ऐसे में चुनाव में किसी तरह का रिस्क दिल्ली पुलिस नहीं लेगी। अंदेशा है कि पाकिस्तान की खुफिया ऐजेंसी आईएसआई के इशारे पर किसी राजनेता की हत्या के बाद सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने की साजिश रची जा रही है।
 
 
 

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